आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख बदली, टैक्सपेयर्स को होगा कितना फायदा!

parmodkumar

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आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया में इस बार पूंजीगत लाभ, नई कर व्यवस्था और टैक्स स्लैब सहित कई बड़े बदलाव हुए हैं। रिटर्न दाखिल करने की तारीखें बढ़ाई गई हैं। LTCG पर फ्लैट 12.5% टैक्स और STCG पर बढ़ा हुआ टैक्स लागू किया गया है।

बिजनेस डेस्क, इंदौर। जैसे-जैसे आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग की अंतिम तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स पोर्टल की ओर रुख कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए ITR प्रक्रिया में इस बार कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं।

खासकर पूंजीगत लाभ (Capital Gains) और नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को लेकर बजट 2024 में किए गए संशोधनों ने प्रक्रिया को पहले की तुलना में अधिक जटिल बना दिया है। ऐसे में रिटर्न भरने से पहले टैक्स नियमों, समयसीमा और कर दरों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। चूक की स्थिति में जुर्माना या ब्याज देना पड़ सकता है।

ITR फाइलिंग की अंतिम तारीखें बदलीं

बजट 2024 के बाद टैक्सपेयर्स को रिटर्न दाखिल करने के लिए कुछ और वक्त मिल गया है।वेतनभोगी और HUF (बिना ऑडिट वाले) टैक्सपेयर्स के लिए ITR भरने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 कर दी गई है।ऑडिट के अधीन व्यवसाय/प्रोफेशन वालों के लिए यह तारीख 31 अक्टूबर 2025 तय की गई है।अंतरराष्ट्रीय लेनदेन करने वाले टैक्सपेयर्स को 30 नवंबर 2025 तक का समय मिलेगा।

अगर कोई व्यक्ति समय पर ITR नहीं भरता है तो वह 31 दिसंबर 2025 तक बिलेटेड या रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकता है। हालांकि इसमें देरी करने पर धारा 234A के तहत ब्याज और 5,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। जिनकी आय 5 लाख रुपये से कम है, उनके लिए यह जुर्माना 1,000 रुपये रहेगा।

पूंजीगत लाभ (Capital Gains) पर नई कर व्यवस्था

अब टैक्सपेयर्स को ITR फॉर्म में यह स्पष्ट रूप से बताना होगा कि उन्होंने कौन-सी संपत्ति किस तारीख को बेची है। नई या पुरानी प्रणाली में यह फर्क करना अनिवार्य होगा।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर एक समान कर

अब ज्यादातर संपत्तियों पर 12.5% का फ्लैट टैक्स लागू होगा, जिसमें कोई इंडेक्सेशन लाभ नहीं मिलेगा।पहले यह दर 10% या 20% (इंडेक्सेशन के साथ) हुआ करती थी।लिस्टेड शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर 1.25 लाख रुपये से ज्यादा के लाभ पर 12.5% टैक्स लगेगा।रियल एस्टेट संपत्तियों की बिक्री पर भी अब फ्लैट 12.5% टैक्स लगेगा। हालांकि अगर संपत्ति 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई है, तो टैक्सपेयर्स पुराने या नए टैक्स विकल्प में से जो ज्यादा फायदेमंद हो, वह चुन सकते हैं।

NPS और वेतनभोगियों के लिए राहत

विदेशी संपत्ति वालों को राहत

यदि किसी टैक्सपेयर्स के पास 20 लाख रुपये तक की विदेशी संपत्ति है और उसने रिपोर्ट नहीं किया, तो अब उस पर भारी जुर्माना नहीं लगेगा। लेकिन फिर भी इसे ITR के Schedule FA में रिपोर्ट करना अनिवार्य रहेगा।

नई टैक्स स्लैब व स्टैंडर्ड डिडक्शन

सैलरीड वर्ग के लिए बड़ी राहत, नई टैक्स व्यवस्था के तहत अब Rs 75,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा।इससे कुल मिलाकर 7.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।लिस्टेड शेयरों पर 1.25 लाख रुपये तक की LTCG आय को भी टैक्स फ्री कर दिया गया है।नई टैक्स व्यवस्था में नियोक्ता द्वारा NPS में किए गए योगदान पर अब सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में 14% तक की पूरी छूट मिलेगी।पुराने टैक्स सिस्टम में यह सीमा निजी कर्मचारियों के लिए 10% ही रहेगी।23 जुलाई 2024 से पूंजीगत लाभ पर टैक्स लगाने की प्रणाली पूरी तरह से बदल दी गई है।23 जुलाई 2024 से पहले बेचे गए संपत्तियों पर पुराने नियम लागू होंगे।23 जुलाई 2024 के बाद बेचे गए संपत्तियों पर नई टैक्स व्यवस्था लागू होगी।