बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान: एक दशक की सफलता की कहानी
हरियाणा में बेटियों के प्रति बदलती सोच
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 2015 में हरियाणा के पानीपत से शुरू हुआ ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान आज एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुका है। इस अभियान ने न केवल लिंग अनुपात को सुधारने में मदद की है, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति दृष्टिकोण में भी बड़ा बदलाव लाया है।
लिंग अनुपात में सुधार की महत्वपूर्ण उपलब्धि
2015 में हरियाणा में 1000 बेटों पर केवल 871 बेटियां थीं, लेकिन आज यह आंकड़ा 920 तक पहुंच गया है। यह सुधार राज्य सरकार, सामाजिक संगठनों और आम जनता के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में हरियाणा महिला सशक्तिकरण की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।
बेटियों के लिए समान अवसर और सशक्तिकरण
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान ने बेटियों को शिक्षा, खेल, और अन्य क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। बेटियों को शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में समान अवसर देने के प्रयास ने उन्हें आत्मविश्वासी और सक्षम बनाया है।
दसवीं वर्षगांठ पर नई प्रतिबद्धता
इस अभियान की 10वीं वर्षगांठ पर, हरियाणा ने एक बार फिर यह संकल्प लिया है कि बेटियों को हर क्षेत्र में समान अवसर प्रदान किए जाएंगे। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा, “हम बेटियों को एक उज्ज्वल और सशक्त भविष्य देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
निष्कर्ष
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और बेटियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। आइए, इस प्रयास को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाएं और बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए योगदान दें।