IIT Placement Salary News: क्या आईआईटी प्लेसमेंट रेट कम होने का एक कारण आईआईटी स्टूडेंट्स खुद भी हैं? आईआईटी मंडी डायरेक्टर ने जो बताया, उसके बाद ये सवाल जरूर उठता है। यहां तक कि कुछ कंपनियों का अनुभव भी आईआईटी ग्रेजुएट्स (IITians) के साथ खराब होने की बात कही जा रही है।
आईआईटी… ये नाम सुनते ही आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है? इंटेलिजेंस, लाखों करोड़ों का पे पैकेज, दुनिया की सबसे बड़ी मल्टी नेशनल कंपनियों में बड़े पोजिशंस पर जॉब या कुछ और? ऐसे दो मौके होते हैं जब आईआईटी सबसे ज्यादा सुर्खियों में होता है। पहला- आईआईटी में एडमिशन का समय और दूसरा आईआईटी प्लेसमेंट सीजन। सबको ये जानने की उत्सुकता होती है कि किस आईआईटी में किसे कितनी सैलरी की नौकरी मिली। आईआईटी मंडी के डायरेक्टर को सुनेंगे तो समझ आएगा कि सबसे बड़ी दिक्कत यहीं फंस रही है !
खस्ता हाल
हाल ही में आईआईटी प्लेसमेंट्स के मुद्दे पर बात करते हुए आईआईटी मंडी के निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा ने 2024 में आईआईटी प्लेसमेंट की हालत खस्ता रहने की बात मानी है। इंडियन एक्सप्रेस के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ‘सभी IIT को झटका लगा है। ग्लोबल मार्केट में काफी अनिश्चितता है और इसके कई कारण हैं। जैसे- AI, जो नौकरियां छीन रहा है। इस नकारात्मक प्रभावों के बावजूद हम इस साल 83% प्लेसमेंट कर पाए। हालांकि पिछले साल ये 97% था।’
बेहरा ने एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि ‘गाजियाबाद से BEL वाले आए और कई जॉब ऑफर दिए। लेकिन मुझे बताया गया कि हमारे आईआईटियन्स ने वहां नौकरी ज्वाइन करने से मना कर दिया। उन्हें सॉफ्टवेयर सेक्टर की एनएमसी वाले हाई पैकेज ही चाहिए। लेकिन उन्हें समझना होगा कि पीएसयू किसी रैट रेस का हिस्सा नहीं हैं। वो लॉन्ग टर्म फायदे और स्थायित्व देते हैं।’
IITians के साथ PSU का अनुभव बुरा
आईआईटी मंडी डायरेक्टर का कहना है कि ‘मैं आईआईटी छात्रों को समझाना चाहूंगा कि भारत में इन नौकरियों का मोल पहचानें। हालांकि मैं जानता हूं कि उन्हें ये समझाना चुनौतिपूर्ण है। जब वे अपने साथियों को ज्यादा सैलरी वाली नौकरियां करते देखते हैं तो भटक जाते हैं। पब्लिक सेक्टर कंपनियों का आईआईटी ग्रेजुएट्स के साथ अनुभव बुरा रहा है और इसमें गलती उन कंपनियों की है भी नहीं।’