सरकार ने पहले कहा था कि 1 जनवरी, 2021 से सभी पुराने वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य किया जाएगा। NHAI ने भी कहा था कि 1 जनवरी से कैश में टोल कलेक्शन पूरी तरह से बंद कर देंगे। सरकार टैक्स कलेक्शन पूरी तरह से फास्टैग के जरिए वसूलना चाहती है। टोल प्लाजा पर कैश को खत्म करने के लिए सरकार ने दोनों साइड से फास्टैग के लिए अलग से लाइन बनाई है। ऐसे हालात में अगर कोई बिना फास्टैग के इस लाइन में आ गया तो उसे नॉर्मल टोल फी से डबल पेमेंट करना होता है। लोगों की सुविधा के लिए टोल प्लाजा पर विभिन्न बैंकों के एजेंट व एनएचएआई की तरफ से काउंटर लगाए गए हैं। लोग अपने वाहन की आरसी व ड्राइविंग लाइसेंस (RC & DL) अथवा आधार कार्ड दिखाकर हाथों हाथ फास्टैग खरीद सकते हैं। गत एक वर्ष से करीब 70 प्रतिशत वाहन फास्टैग की मदद से डिजिटली तरीके से टोल का भुगतान कर रहे हैं। फास्टैग की शुरुआत 2016 में हुई थी। यह टोल प्लाजा पर शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से करने की सुविधा है। फास्टैग को अनिवार्य किए जाने के बाद टोल प्लाजा पर वाहनों को रुकना नहीं पड़ेगा और टोल शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से हो जाएगा।कब हुई शुरुआत
फास्टैग की शुरुआत 2016 में हुई थी और चार बैंकों ने उस साल सामूहिक रूप से एक लाख टैग जारी किए थे। उसके बाद 2017 में सात लाख और 2018 में 34 लाख फास्टैग जारी किए गए। मंत्रालय ने इस साल नवंबर में अधिसूचना जारी कर एक जनवरी, 2021 से पुराने वाहनों या एक दिसंबर, 2017 से पहले के वाहनों के लिए भी फास्टैग को अनिवार्य कर दिया। केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार 1 दिसंबर, 2017 से नए चार पहिया वाहनों के पंजीकरण के लिए फास्टैग को अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा परिवहन वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र के लिए संबंधित वाहन का फास्टैग जरूरी है। राष्ट्रीय परमिट वाले वाहनों के लिए फास्टैग को एक अक्टूबर, 2019 से अनिवार्य किया गया है। नए तीसरे पक्ष बीमा के लिए भी वैध फास्टैग को अनिवार्य किया गया है। यह एक अप्रैल, 2021 से लागू होगा।