टिकट के लिए मची होड़ कांग्रेस को भारी भी पड़ सकती है। क्योंकि टिकट एक को ही मिलना है। ऐसे में कई मजबूत दावेदार या तो निर्दलीय तौर पर ताल ठोकेंगे या फिर दूसरे दलों के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
पार्टी ने इस बार आवेदकों के लिए बाकायदा फीस निर्धारित की है। सामान्य जातियों के लिए 20 हजार रुपये, अनुसूचित जाति और महिलाओं के लिए 5-5 हजार रुपये फीस तय की गई है। 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित (रिजर्व) हैं। खास बात ये है कि आरक्षित सीटों के लिए सबसे अधिक आवेदन आ रहे हैं। आवेदकों को पार्टी के साथ ही हरियाणा के प्रभारी दीपक बावरिया के पास भी आवेदन करना पड़ रहा है, हालांकि यहां कोई फीस नहीं ली जा रही है।
पार्टी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी के मौजूदा विधायकों को भी टिकट के लिए आवेदन करना होगा। ऐसे में विधायकों ने भी आवेदन करना शुरू कर दिया है। इस समय कांग्रेस के पास 29 विधायक हैं। इनमें से पांच विधायक आवेदन कर चुके हैं। आगामी दिनों में अन्य विधायक भी अपने हलकों से दावेदारी जताएंगे। राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं कि इस बार किसी की सिफारिश पर नहीं, मजबूत बायोडाटा और सर्वे के आधार पर टिकट वितरित किए जाएंगे।