8 वर्ष में सीएम विंडो पर आईं 10 लाख 92 हजार शिकायतें

Lalita Soni

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8 वर्ष में सीएम विंडो पर आईं 10 लाख 92 हजार शिकायतें

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा शुरू की गई ‘सीएम विंडो’ आम लोगों की समस्याओं के समाधान में कारगर सिद्ध हो रही है। पिछले लगभग आठ वर्षों में सीएम विंडो पर 10 लाख 92 हजार 366 लोगों ने अपनी समस्याओं को उठाया। इनमें से 10 लाख 9 हजार 591 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है। यहां बता दें कि सरकार ने 25 दिसंबर, 2014 को ‘सुशासन दिवस’ के मौके पर सीएम विंडो की शुरुआत की थी।सीएम विंडो के तहत प्रदेश के सभी जिलों व उपमंडलों में शिकायत सेंटर बने हुए हैं। नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में भी सीएम विंडो सेंटर बनाया गया है। लोगों को ये सुविधा इसीलिए दी है ताकि वे सीधे मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचा सकें। सीएम खुद भी नियमित रूप से सीएम विंडो की समीक्षा और मॉनिटरिंग करते हैं। वहीं दूसरी ओर, भिवानी में मुख्यमंत्री के ‘जनसंवाद’ कार्यक्रम की कामयाबी के बाद अब दूसरे जिलों में भी इसी तरह की तैयारी है।

अब अगला जिला पलवल होगा, जहां सीएम सीधे आम लोगों से संवाद करेंगे। पलवल के गांवों में 12 से 14 अप्रैल तक मुख्यमंत्री जनसंवाद करेंगे। इस दौरान लोगों की समस्याएं भी सुनी जाएंगी और मुख्यमंत्री लोगों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं व नीतियों को लेकर भी जानकारी देंगे। भिवानी में सीएम ने जनसंवाद कार्यक्रम के तहत पंचायती तौर पर जनता के बीच बैठकर शिकायतें सुनी। मुख्यमंत्री की इस सादगी ने लोगों को प्रभावित भी किया और उन्होंने दिल खोलकर अपने मन की बात भी सीएम के सामने रखी।

रोहतक जिले से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत करने के बाद मुख्यमंत्री ने सिरसा, सोनीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र व फतेहाबाद जिलों में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किए। इसमें स्वयं मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्त, पुलिस महानिदेशक तथा उपायुक्त स्तर के अधिकारियों के साथ घंटों बैठकर लोगों की समस्याएं सुनीं। लोगों में भी काफी उत्साह देखने को मिला। इन जिलों के दूर-दराज के गांवों के लोगों के अलावा दूसरे जिलों के लोग भी मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम में पहुंचे।

अहम बात यह है कि मुख्यमंत्री ने विपक्षी पार्टियों को भी खुली चुनौती दी हुई है कि एक बार वे जो ठान लेते हैं, उसे करके ही रहते हैं। बेशक, इसके लिए उन्हें कितना ही विरोध क्यों ना झेलना पड़ा।

पंचायती राज संस्थाओं में जनप्रतिनिधियों के लिए शैक्षणिक योग्यता लागू करने का निर्णय हो या फिर नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं में मेयर और अध्यक्ष के सीधे चुनाव हों, सीएम अपने फैसले से पीछे नहीं हटे। परिवार पहचान-पत्र का भी विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं, लेकिन सीएम इसे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में लेकर चल रहे हैं। पढ़ी-लिखी पंचायतों के फैसले में तो मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया। सरकार ने पूरी मजबूती के साथ इस केस को लड़ा और आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के फैसले को सही ठहराते हुए दूसरे राज्यों को भी इसका अनुसरण करने को कहा। इस पहल का नतीजा यह हुआ कि 2016 में पंचायती राज संस्थानों में 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित थे और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद 42 प्रतिशत महिलाएं चुनकर आईं। चूंकि वे पढ़ी-लिखी होने की शर्त पूरी करती थीं।

राजनीति में महिलाओं की दिलचस्पी लेने की इस पहल का असर मुख्यमंत्री को प्रभावित कर गया और उन्होंने एक बार फिर मन में ठाना की महिलाओं की समाज में पुरुषों के बराबर भागीदारी है, क्यों न उन्हें छोटी पंचायतों में भी पुरुषों के बराबर प्रतिनिधित्व दिया जाए। इसलिए मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बिल लाकर महिलाओं को यह हक दिया और नवंबर, 2022 में हुए पंचायती राज संस्थानों के चुनाव में चुनी गई छोटी पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत रही।

मुख्यमंत्री ने इन नवनिर्वाचित छोटी पंचायतों से रूबरू होने की नई पहल करते हुए अपने जनसंवाद कार्यक्रम का रूख गांव की ओर करने का निर्णय लिया। इस कड़ी में उन्होंने 2 से 4 अप्रैल तक तीन दिन भिवानी जिले के 12 से अधिक ऐसे बड़े गांवों का दौरा किया जिनमें चार-चार सरपंच हैं। अपने जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ठेठ हरियाणवी शैली में पंच परमेश्वर की तरह छोटी पंचायतों के बीच बैठकर गांव के भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।

अनेक बार महिला सरपंच की जगह सरपंच प्रतिनिधि को बैठे पाया तो मुख्यमंत्री ने तत्काल कहा कि जो सरपंच हैं, वही कार्यक्रम में उपस्थित हों। मुख्यमंत्री की इस पहल से महिला सरपंचों को भी अहसास हुआ कि लोकतंत्र में चुने हुए जनप्रतिनिधि की कितनी अहमियत है कि प्रदेश के मुखिया खुद उनके बीच चर्चा के लिए आये क्योंकि उनमें से अधिकांश महिलाएं पहली बार सरपंच चुनकर आई हैं। छोटी पंचायतों से रूबरू होने की मुख्यमंत्री की यह पहल ग्रामीणों में चर्चा का विषय बनी।

सीएम मनोहर लाल ने बताई भाजपा की संघर्ष गाथा

भाजपा के स्थापना दिवस के मौके पर चंडीगढ़ के सेक्टर-3 स्थित भाजपा विधायक दल के कार्यालय में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भाजपा का झंडा लहराया। इस दौरान उन्होंने वर्करों को सम्बोधित करते हुए भाजपा के संघर्ष के बारे में भी बताया। कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल, सीएम के ओएसडी जवाहर यादव, राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती, प्रदेश प्रवक्ता सुदेश कटारिया, कोषाध्यक्ष वीरेंद्र गर्ग, पंचकूला के जिलाध्यक्ष अजय शर्मा और भाजपा नेता कृष्ण ढुल सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

पलवल जिले में होगा सीएम का जनसंवाद कार्यक्रम

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपना दूसरा जनसंवाद कार्यक्रम पलवल जिले में 12-14 अप्रैल, 2023 को निर्धारित किया है। इसके बाद पानीपत, करनाल व हिसार जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंवाद करेंगे और धीरे-धीरे सभी 22 जिले तय कर पूरे हरियाणा को कवर करेंगे। अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ई-टेंडरिंग के बारे में भी लोगों से पूछते हैं कि क्या यह व्यवस्था सही है। लोग हां में हां मिलकर व दोनों हाथ खड़े कर मुख्यमंत्री का समर्थन करते हैं और कहते हैं कि आईटी के आज के युग में ई-प्रणाली पर चलना समय की जरूरत है।