खेती-किसानी के लिए देश भर में विख्यात हरियाणा का किसान हजारों करोड़ रुपए का कर्जदार हो गया है। इसका खुलासा हरियाणा विधानसभा में हुआ है। सरकार के अनुसार राज्य का 25% किसान 10,400 करोड़ रुपए के कर्ज के नीचे दबा हुआ है। हैरानी की बात यह है कि 13 किसान ऐसे हैं जिन पर राज्य के बैंकों का 3 करोड़ रुपए बकाया है। वहीं पिछले 5 सालों में हरियाणा में 23 किसान कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर चुका है।
ऐसे हुआ खुलासा हरियाणा से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान किसानों के कर्ज को लेकर सवाल किया था। उन्होंने सरकार से सहकारी बैंकों में वर्ष 2017 और 2022 में किसानों के बकाया के बारे में जानकारी मांगी थी। हरियाणा सरकार के सहकारिता मंत्री बनवारी लाल की ओर से किसानों के कर्ज का विवरण विधानसभा में प्रस्तुत किया गया।
3,083.78 करोड़ रुपए सिर्फ ब्याज सहकारिता मंत्री की ओर से जानकारी दी गई कि 31 मार्च 2017 को 13 लाख 58 हजार 473 किसानों पर 9652.08 करोड़ रुपए की बैंकों की राशि बकाया थी। मार्च 2022 में कर्ज की यह बकाया राशि बढ़कर 10,399.34 करोड़ रुपए हो गई है। हजारों करोड़ रुपए कर्ज की राशि में 7,315.56 करोड़ रुपए मूल राशि और 3,083.78 करोड़ रुपए बैंकों द्वारा ब्याज लगाया गया है।
2017 में आय दोगुनी का किया दावा हरियाणा कांग्रेस के विधायक वरुण चौधरी का कहना है कि सरकार ने 2017 में किसानों की आय दोगुनी करने का दावा किया था। किसान की आय दोगुनी तो नहीं हुई, लेकिन खर्च जरूर दोगुना हो चुका है। उन्होंने कहा कि कर्ज की बकाया राशि में भी बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने बजट में भी किसानों के लिए कुछ खास योजनाओं को शामिल नहीं किया है।
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