जिला की मंडियों में बैसाखी पर्व तक 17 लाख 20 हजार 170 क्विंटल गेहूं की आवक हो चुकी है । लेकिन उठान करीब 3 लाख क्विंटल हो पाया है । जिससे मंडियों में गेहूं के ढेर लगे हैं और जाम जैसी स्थिति बन गई है । उठान प्रक्रिया धीमी होने से किसान सड़कों पर गेहूं उतारने को मजबूर हैं | वहीं लिफ्टिंग में देरी किसानों की पेमेंट भुगतान में अड़चन बनेगी । मंडी प्रशासन गेहूं उठान के इंतजाम पुख्ता नहीं कर पाया, इसलिए स्पेशल ट्रेन के सहारे है । पिछले सीजन में 13 अप्रैल तक 13 लाख 52 हजार 970 क्विंटल गेहूं मंडियों में पहुंचा था। उसी तरह उठान कार्य में देरी से व्यवस्थाएं गड़बड़ाएंगी, तो किसानों को गेहूं उतारने की जगह नहीं मिलेगी । इधर उठान प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डीएफएससी ने सिरसा व कालांवाली से स्पेशल ट्रेन लगवाने की मांग की है। जिला में गेहूं का रकबा 2 लाख 94 हजार हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल गेहूं 3 लाख 7 हजार हेक्टेयर में थी ।इस साल रकबा कम होने के साथ ही प्रति एकड़ औसत काफी कम है । जिससे गेहूं उत्पादन घटने के आसार हैं । मंडी आवक धीमी है, इसके बावजूद उठान कार्य लटक सकता है । वर्ष 2019 में गेहूं खरीद का आंकड़ा 1 करोड़ 24 लाख 22 हजार क्विंटल तक पहुंचा था। पिछले वर्षों की तरह अबकी बार भी सिरसा गेहूं आवक में पिछड़ सकता है । जिले की मंडियों में उठान प्रक्रिया धीमी है, इसका तोड़ निकालने को स्पेशल ट्रेन की मांग की है। आगामी दो दिनों से में समाधान हो जाएगा। उम्मीद है इसके बाद उठान कार्य में तेजी आएगी।