प्रवासी मजदूरों को अब दूसरे प्रदेशों में रियायती दर पर राशन खरीदने में कोई परेशानी नहीं होगी। ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ के तहत लाभार्थी किसी भी प्रदेश में किसी भी राशन की दुकान से अपनी पात्रता के मुताबिक राशन ले सकता है। इसके लिए किसी नए राशन कार्ड की भी जरूरत नहीं है। इसको और आसान बनाने के लिए सरकार ने मेरा राशन ऐप शुरू किया है। आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत पर मेरा राशन ऐप लॉन्च करते हुए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि यह ऐप प्रवासी मजदूरों के लिए बहुत लाभदायक साबित होगा। इसके जरिए जहां वह खुद को रजिस्टर कर सकते हैं। इसके साथ लाभार्थी यह पता लगा सकते हैं कि उनकी पात्रता कितनी है। पिछले छह माह के दौरान लाभार्थी ने किस-किस दुकान से कितना राशन लिया है। साथ ही यह ऐप लाभार्थी को उसके आसपास के क्षेत्र में मौजूद राशन की दुकान का पता भी बताएगा। सुधांशु पांडे ने कहा कि इस योजना से दिल्ली, पश्चिम बंगाल, असम और छत्तीसगढ कुछ माह में जुड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सभी राशन की दुकानों पर ई-पोस मशीन लग चुकी हैं। राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान साढ़े 15 करोड़ लाभार्थियों ने दूसरी जगह से राशन लिया है।
17 राज्यों की लिस्ट, जिन्होंने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड सिस्टम को लागू किया है-
1- आंध्र प्रदेश, 2- गोवा, 3- गुजरात, 4- हरियाणा, 5- हिमाचल प्रदेश, 6- कर्नाटक, 7- केरल, 8- मध्य प्रदेश, 9- मणिपुर, 10- ओडिशा, 11- पंजाब, 12- राजस्थान, 13- तमिलनाडु, 14- तेलंगाना, 15- त्रिपुरा, 16- उत्तराखंड, 17- उत्तर प्रदेश