केंद्र ने बुधवार को राज्य सरकारों से शिक्षा के अधिकार के प्रावधान को लागू करने की अपील की, जिसके तहत गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें अनिवार्य हैं।
शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने प्रश्नकाल के दौरान राज्यसभा को बताया कि पंजाब, केरल, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसी राज्य सरकारों ने निजी स्कूलों को आरटीई अधिनियम के तहत सीटें आरक्षित करने के लिए आरटीई प्रावधानों को लागू नहीं किया है।
आरटीई पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी के एक सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि शिक्षा समवर्ती सूची के अंतर्गत आती है और सभी के लिए 12वीं कक्षा तक स्कूली शिक्षा प्रदान करना दोनों का प्रयास होना चाहिए।
उन्होंने कहा, “आजकल कक्षा 1 में लगभग 100 प्रतिशत नामांकन होता है, यह सभी राज्यों के सामूहिक प्रयासों के कारण है।”