केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने आज गुरुवार को दोपहर में चार घंटे का रेल रोको अभियान चलाने का ऐलान किया है। हालांकि इस आंदोलन को लेकर भी सभी किसान संगठन सहमत नहीं है और कई किसान संगठनों ने रेल रोको अभियान को समर्थन नहीं किया है। कुछ किसान संगठनों ने सांकेतिक रूप से ट्रेन रोके जाने की बात कही है। इधर दिल्ली के लाल किले हिंसा के मामले से सबक लेते हुए रेलवे प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है। वहीं सिंघु, टीकरी और अन्य संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के प्रबंध बढ़ा दिए गए हैं। इधर रेल रोको आंदोलन के चलते रेलवे स्टेशनों और रेल पटरियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। RPSF के लगभग 20000 अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। सूत्रों के मुताबिक खतरे की आशंका को देखते हुए रेल संचालन बंद किया जा सकता है। वहीं किसान संगठनों की कोशिश है कि बड़े स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका जाए, जिससे यात्रियों को भोजन व अन्य जरूरी सामान आसानी से उपलब्ध हो सके। रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, उप्र व बंगाल सहित कुछ अन्य इलाकों में आरपीएसएफ के अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। इधर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि स्थानीय लोग ही अपने-अपने इलाकों में ट्रेन को चार घंटे के लिए रोकेंगे। टिकैत ने कहा कि चार घंटे के दौरान सांकेतिक रूप से ट्रेन रोककर ट्रेन के चालक को फूल दिया जाएगा और पैसेंजर को जलपान कराया जाएगा। साथ ही टिकैत ने कहा कि ट्रेन रोको कार्यक्रम का उद्देश्य बंद ट्रेनों को फिर से शुरू करने का भी है। इधर NHAI के नोटिस पर टिकैत ने कहा कि उन्होंने हाईवे की केवल दो लेन घेरी हैं, बाकी खुली हैं। यदि NHAI ने ज्यादा हरकत की तो वह देश के सभी टोल फ्री करा देंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले वह बंगाल जाएंगे और वहां के किसानों की समस्या सुनकर केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगेंगे। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने सिंघू बॉर्डर पर मंच से संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारियों को कहा कि 32 जत्थेबंदियां पंजाब में 32 जगह रेल रोकेंगी। उन्होंने कहा कि अपने-अपने गांवों में भी फोन कर दो कि लोग पत्नी, बच्चों को साथ लेकर रेल रोकने को पहुंचे। पन्नू ने कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन को और अधिक तेज किया जाएगा। 25 फरवरी को तरनतारन में रैली होगी। इसके बाद कपूरथला, जालंधर, मोघा आदि स्थानों पर रैली होगी। रेलवे के संचालन में अगर कोई किसी तरह का बाधा पहुंचाता है तो उसके खिलाफ रेलवे ऐक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। अगर ट्रेन पर किसी तरह का सामान फेंका जाए या पटरी को नुकसान पहुंचा तो दोषी को रेलवे ऐक्ट की धारा-150 के तहत उम्रकैद दी जा सकती है। साथ ही धारा 174 के मुताबिक अगर ट्रैक पर बैठकर या कुछ रखकर ट्रेन रोकी जाती है तो दो साल की जेल या 2,000 रुपए के जुर्माने या फिर दोनों की सजा हो सकती है। रेलवे कर्मचारियों के काम में बाधा डालने पर, रेल में जबर्दस्ती घुसने पर धारा 146, 147 के तहत 6 महीने की जेल या एक हजार रुपए का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
4 घंटे का ‘रेल रोको आंदोलन’ आज, किसान नेताओं में भी उभरे मतभेद
Parmod Kumar