तत्कालिक खर्च बढ़ने के कारण हरियाणा के सरकारी खजाने पर 4976 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रम एवं रोजगार, शहरी निकाय और नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अलावा एससी-बीसी एवं पूर्व सैनिक कल्याण पर मार्च में पारित अनुमानित बजट से बाहर जाकर राशि खर्च की गई। सरकार को विभागों के इन खर्चों को पूरा करने के लिए विधानसभा के मानसून सत्र अनुपूरक मांगों की पहली किस्त पास करानी पड़ी। वित्त विभाग ने अतिरिक्त वित्तीय बोझ की भरपाई का भी फार्मूला निकाला है। 3000 करोड़ रुपये खाद्य, भंडार, भंडार गृह मद की पूंजीगत व्यय की अनुपयोगी राशि से समायोजित किए जाएंगे, जबकि 1976 करोड़ रुपये राजस्व इक्ट्ठा करने के तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाकर जुटाने का लक्ष्य रखा है। शिक्षा क्षेत्र में सबसे अधिक 1421 करोड़ और शहरी-ग्रामीण विकास एवं जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने 907 करोड़ रुपये का खर्च बजट से बाहर जाकर किया है। विधानसभा सदस्यों के वाहनों, सत्कार, मनोरंजन और एलटीसी पर 2.48 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि खर्च हुई है। बजट में इसका प्रावधान नहीं किया गया था। 532 करोड़ पुलिस विभाग से जुड़े कामों, महंगाई भत्ते इत्यादि पर खर्च हुए हैं।
सरकारी खजाने पर 4976 करोड़ रुपये का और पड़ा बोझ, वित्त विभाग ने भरपाई का फार्मूला निकाला
Parmod Kumar