गजल के किंग कहे जाने वाले जगजीत सिंह की 82वीं बर्थ एनिवर्सरी पर देखिए उनकी 10 अनदेखी तस्वीरें और जानिए पांच अनकही कहानियां। जगजीत सिंह का असली नाम जगमोहन सिंह धीमान था, जिसे बाद में उन्होंने बदल लिया था।
आज भी जब किसी गजल की मिठास कानों में रस घोलती है, तो जगजीत सिंह याद आ जाते हैं। गजल के सम्राट बने जगजीत सिंह तो इस दुनिया से चले गए, पर अपनी मीठी आवाज और जादू भरी गजलों की बेहिसाब दौलत हमें दे गए। Jagjit Singh की 10 अक्टूबर को 82वीं बर्थ एनिवर्सरी है। इस मौके पर हम आपको उनकी 10 अनदेखी तस्वीरों के साथ पांच ऐसे किस्से-कहानियां बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। जैसे कि कभी चित्रा सिंह ने जगजीत सिंह के साथ गाने से इनकार कर दिया था। कॉलेज के दिनों में भी कोई भी जगजीत के साथ नहीं रहना चाहता था। जब 70वां जन्मदिन था, तो जगजीत सिंह ने एक साथ 70 कॉन्सर्ट साइन किए थे।
जगजीत सिंह का असली नाम था जगमोहन धीमान
जगजीत सिंह का असली नाम जगमोहन सिंह धीमान था, जिसे उनके पिता ने एक पुजारी के के कहने पर बदल दिया था। बाद में जगजीत के पिता ने उन्हें म्यूजिक में ट्रेनिंग के लिए दो साल के लिए छगनलाल शर्मा के पास भेज दिया था।
हॉस्टल में कोई नहीं रहना चाहता था साथ
गजल को दुनियाभर में पहुंचाने और मशहूर करने का क्रेडिट जगजीत सिंह को जाता है। पर क्या आप जानते हैं कि इन्हीं गजलों की वजह से कॉलेज के हॉस्टल में कोई उनके साथ नहीं रहना चाहता था? हिंदी क्राइम फिक्शन राइटर सुरेंद्र मोहन पाठक ने सत्य सारण की बायोग्राफी ‘बात निकली तो फिर: द लाइफ एंड म्यूजिक ऑफ जगजीत सिंह’ में पूरा किस्सा बताया है। उन्होंने बताया कि वह जगजीत के साथ हॉस्टल में रहते थे।
दोस्त बोलते- तुझे पास होना नहीं है, हमें तो पढ़ने दे
डीएवी कॉलेज में बीएससी में वह जगजीत सिंह के क्लासमेट थे। सुरेंद्र मोहन पाठक ने बताया कि जगजीत सिंह रोजाना सुबह 5 बजे उठकर दो घंटे तक रियाज करते थे। हर दो घंटे बाद वह फिर से रियाज करते। कभी वह कॉरिडोर में किसी को पकड़कर गजल गाने लगते थे। तब वो जगजीत सिंह से कहता- यार तूने तो पास होना नहीं है, हमें तो पढ़ने दे।’
स्टूडियो के गेट पर खड़े जगजीत सिंह, चित्रा का रिएक्शन
जगजीत सिंह ने चित्रा शोम से शादी की थी। चित्रा ने एक बार ‘फिल्मफेयर’ को दिए इंटरव्यू में बताया था कि उनकी जगजीत सिंह से पहली मुलाकात कैसे हुई थी। चित्रा ने बताया था कि वह जगजीत से एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो में मिली थीं। वह एक म्यूजिक डायरेक्टर कुछ सिंगर्स के साथ एक कंपाइल प्रोजेक्ट की तैयारी कर रहे थे। चित्रा ने बताया कि जब उन्होंने स्टूडियो का गेट खोला, तो जगजीत उसके गेट पर हाथ टिका कर खड़े थे।
चित्रा ने रिजेक्ट कर दी जगजीत सिंह की आवाज
चित्रा ने जगजीत के साथ गाना गाने से मना कर दिया था और कहा था कि उनकी आवाज बहुत भारी है। वह किसी भी सूरत में उनके साथ नहीं गा पाएंगी। पर आने वाले समय में चित्रा और जगजीत सिंह की जोड़ी ने गजलों को नया आयाम दिया।
30 रुपये में हुई थी जगजीत सिंह की शादी
जगजीत सिंह ने चित्रा के पति से उनका हाथ मांगा था और फिर शादी कर ली। उनकी शादी 1969 में हुई थी। शादी के कुछ साल बाद जगजीत और चित्रा बेटे विवेक के पैरेंट्स बने। जगजीत सिंह और चित्रा की शादी में सिर्फ 30 रुपये खर्च हुए थे।
2 मिनट में हुई थी जगजीत सिंह की शादी की रस्म
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी शादी बहुत ही सिंपल सेरिमनी में हुई, जो 2 मिनट में ही खत्म हो गई थी।
गुजराती फिल्म में बनते हीरो, गाया था भजन
आपको जानकर हैरानी होगी कि करियर की शुरुआत में जगजीत सिंह को एक गुजराती फिल्म में हीरो का रोल मिला था। लेकिन जगजीत ने यह कहकर रोल ठुकरा दिया कि उन्हें एक्टिंग में नहीं बल्कि गाने में दिलचस्पी है। हालांकि जगजीत ने बाद में उस फिल्म में एक गुजराती भजन गाया था।
फिल्मी पार्टियों में गाते, डबिंग आर्टिस्ट रहे जगजीत
जगजीत सिंह के पिता को पता था कि बेटा अच्छा गाता है और गजलों में दिलचस्पी है। लेकिन वह फिर भी चाहते थे कि बेटा इंजीनियर बने