रविदास जयंती पर आज वाराणसी में सियासी हस्तियों का जमावड़ा, धर्मेन्‍द्र प्रधान ने टेका मत्‍था, एक ही समय पर पहुंचेंगे अखिलेश और प्रियंका

Parmod Kumar

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संत रविदास की 644वीं जयंती पर उनके जन्‍मस्‍थान वाराणसी में आज धर्म और राजनीति का संगम हो रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहित कई सियासी हस्तियां आज यहां मौजूद रहेंगी। सीरगोवर्धनपुर में सबसे पहले केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पहुंचे हैं। प्रियंका गांधी और अखिलेश के संत रविवास मंदिर पर दर्शन के लिए एक ही वक्‍त पर पहुंचने की उम्‍मीद है। शुक्रवार सुबह निसान साहब के आरोहण के साथ जयंती कार्यक्रम शुरू हो गया है। वहीं जयंती उत्सव के तैयार विशाल मंच पर स्वर्ण पालकी में अमृतवाणी को प्रतिष्ठित किया जाएगा। देश के विभिन्न प्रांतों से जुटे भक्तों को संबोधित करने के लिए कुछ समय में संत समाज के प्रतिनिधि और राजनीतिक हस्तियां मंच पर मौजूद रहेंगी। कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह आठ बजे हुई। सर्व प्रथम संत निरंजन दास निसान साहब का आरोहण किया। इसके बाद वह सत्संग मंच पर पहुंचे। इस साल सत्संग मंच का आकार विगत वर्षों की तुलना में छोटा है। इसलिए मंच के आगे डी के रूप में बैरिकेडिंग नहीं की गई है। जिनका नाम सुरक्षा अधिकारी के पास मौजूद सूची में होगा, वही मंच पर जा सकेंगे। रविदास जयंती पर सीरगोवर्धनपुर में सबसे पहले केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सुबह नौ बजे पहुंचे। इसके बाद पूर्वाह्न 11 बजे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को मुख्य समारोह स्थल पहुंचना है। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव मध्याह्न 12 बजे रविदास जयंती उत्सव में शामिल होंगे। मंदिर प्रबंधन ने भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर के उत्सव में शामिल होने की सूचना से इनकार किया है। मंदिर के प्रबंधक निर्मल दास ने बताया कि जयंती उत्सव में शामिल होने वाले विशिष्टजनों को सरोपा और अमृतवाणी की पुस्तक भेंटकर सम्मानित किया जाएगा। रविदास जयंती की पूर्व संध्या पर नगवां स्थित रविदास पार्क में सन्त रविदास सोसाइटी के तत्वावधान में प्रकाशोत्सव हुआ। संत मंदीपदास ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बीएचयू के प्रो. आरएन खरवार, विशिष्ट अतिथि डॉ. देवेश कुमार और डॉ. रत्नेश वर्मा रहे। समाचार पत्र विक्रेता समिति की तरफ से पार्क में दीपदान हुआ। समिति के 18वें वर्ष के आयोजन में संत निरंजनदास को भी आना था लेकिन अन्य व्यस्तताओं के मद्देनजर वह नहीं आ सके।