सुप्रीम कोर्ट में नीट परीक्षा को दोबारा कराने की याचिका दाखिल हुई।

Parmod Kumar

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सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा को रद्द कर उसे दोबारा से कराने की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है. नीट परीक्षा का आयोजन 12 सितंबर को किया गया था. याचिका में नीट 2021 परीक्षा के पेपर लीक करने में आपराधिक साजिश और कोचिंग सेंटरों की संलिप्तता का आरोप लगाया गया है. देश भर के विभिन्न केंद्रों पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित NEET UG 2021 परीक्षा को रद्द करने के लिए हजारों NEET 2021 उम्मीदवारों ने एक रिट याचिका दायर की है. उम्मीदवारों ने कोर्स से वास्तविक, योग्य और मेधावी उम्मीदवारों के हित में अधिकारियों को एनईईटी परीक्षा नए सिरे से आयोजित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है.

यह याचिका अधिवक्ता ममता शर्मा ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि जिस दिन NEET UG परीक्षा आयोजित की गई थी, सीबीआई ने चार आरोपी व्यक्तियों और अज्ञात अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें कहा गया था कि प्रॉक्सी उम्मीदवारों का उपयोग करके परीक्षा में हेरफेर की गई थी और कोचिंग सेंटरों द्वारा प्रति उम्मीदवार 50 लाख तक की राशि वसूल की गई थी.

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि सीबीआई द्वारा दर्ज 12 सितंबर की प्राथमिकी से यह स्पष्ट है कि NEET UG 2021 प्रवेश परीक्षा का पेपर एक आपराधिक साजिश के तहत लीक किया गया था जिसमें प्रसिद्ध कोचिंग सेंटर और पेपर सॉल्वर गिरोह की संलिप्तता पाई गई थी. यह कहा गया है कि NEET UG 2021 प्रवेश परीक्षा के पेपर लीक के संबंध में CBI के अलावा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र राज्य में भी पुलिस द्वारा कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.

लाइव लॉ के मुताबिक याचिका में शिक्षा मंत्रालय, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को सुरक्षा प्रोटोकॉल के मानक को बढ़ाने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है, जिसमें परीक्षा आयोजित करने के लिए उम्मीदवारों का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, जैमर का उपयोग आदि शामिल हैं.

इसके अलावा याचिकाकर्ताओं द्वारा यह तर्क दिया गया है कि प्रारंभिक जांच ने इस तथ्य को संदेह से परे स्थापित किया है कि नीट यूजी 2021 प्रवेश परीक्षा धोखाधड़ी के साधनों और अनुचित प्रथाओं के उपयोग से अपरिवर्तनीय रूप से खराब हो गई थी.