हजरत निजामुद्दीन से चलकर जबलपुर जा रही ट्रेन क्रमांक 22182 जबलपुर गोंडवाना एक्सप्रेस के जनरल कोच में बीते मंगलवार की देर रात एक अलग ही दृश्य देखने को मिला। यात्रियों से खचाखच भरे जनरल कोच में बैठकर यात्रा कर रही गर्भवती महिला को आगरा से ग्वालियर के बीच प्रसव पीड़ा होने लगी। इस दौरान, कोच में हड़कंप मच गया।
ग्वालियर। हजरत निजामुद्दीन से जबलपुर जा रही गोंडवाना एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 22182) में मंगलवार रात एक असाधारण घटना घटी। यात्रियों से भरे जनरल कोच में यात्रा कर रही गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। ट्रेन जब आगरा से मुरैना के बीच थी, तभी यह स्थिति उत्पन्न हुई| महिला की पहचान रोशनी पत्नी दीपक, निवासी ग्राम बेलखेड़ी, जिला दमोह के रूप में हुई है, जो अपनी सास के साथ निजामुद्दीन से दमोह जा रही थीं। जैसे ही ट्रेन ने आगरा पार किया, रोशनी को तीव्र प्रसव पीड़ा होने लगी। कोच में हड़कंप मच गया, लेकिन इसी कोच में मौजूद एक प्रशिक्षित नर्स ने स्थिति को संभालने की जिम्मेदारी ली।
महिला यात्रियों ने मिलकर पुरुष यात्रियों को कोच के एक हिस्से में भेजा और चादर व दुपट्टों की मदद से ओट बनाई। नर्स ने प्रसव की पूरी प्रक्रिया को महिलाओं की मदद से चलती ट्रेन में ही सफलतापूर्वक पूरा किया। इस दौरान किसी ने चादर दी तो किसी ने नवजात को लपेटने के लिए अपना दुपट्टा दिया। यात्रियों की मानवीयता और सहयोग ने एक संकट को करुणा में बदल दिया।
मुरैना स्टेशन पहुंचने तक बच्ची का जन्म हो चुका था। स्टेशन पर आरपीएफ की महिला आरक्षक नीरज और अनूप शर्मा कोच में पहुंचे और प्रसूता की स्थिति का जायजा लिया। हालांकि अधिकारी चाहते थे कि महिला यहीं उतरकर इलाज कराए, लेकिन सास ने ग्वालियर पहुंचने की इच्छा जताई। ट्रेन को मुरैना पर 10 मिनट रोका गया ताकि ज़रूरत पड़ने पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो सके।
जब ट्रेन ग्वालियर स्टेशन पहुंची, तो रेलवे स्टाफ और आरपीएफ ने तुरंत निजी एंबुलेंस की व्यवस्था की और महिला व नवजात को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक मां और बच्ची दोनों स्वस्थ हैं।






































