फरीदाबाद में आगरा-गुड़गांव नहर पर गांव बड़ौली के पास अंग्रेजों के जमाने में बना पुल ढह गया। गनीमत रही कि कुछ ही देर पहले पुल की दोनों ओर से वाहनों आवागमन बंद कर दिया गया था, क्योंकि यहां कुछ मरम्मत वगैरह का काम चल रहा था। इसी दौरान अचानक यह गिर पड़ा। हालांकि अभी इसकी बगल में नए पुल का निर्माणकार्य चल रहा है। हरियाणा सरकार का सिंचाई विभाग करीब 3 करोड़ रुपए से अपने हिस्से का पुल बना चुका है। बाकी अधूरा हिस्सा उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के अधिकार क्षेत्र में है। मिली जानकारी के अनुसार बड़ौली गांव के पास आगरा- गुड़गांव नहर पर 100 साल पहले बना पुल जर्जर हो चुका है। समय पर मरम्मत न होने की वजह से पुल इतना जर्जर है कि इससे चौपहिया वाहनों की इंट्री बंद कर दी गई है। कई बार गांव के लोगों ने इस बाबत अधिकारियों को शिकायतें भी की हैं। हालांकि इसकी बराबर में 12 करोड़ रुपए की लागत से एक नया टू लेन पुल बनाया जा रहा है। नया पुल बनने में कम से कम छह से आठ महीने का वक्त लगेगा और इसी के चलते पुराने पुल को इस्तेमाल किया जा रहा था। आज की इस घटना के बारे में रामबीर ने बताया कि उसने और उसके साथी मजदूरों ने पुल गिरते हुए अपनी आंखों से देखा है। मौके पर पुलिस व सिंचाई विभाग के कुछ कर्मचारी पहुंच गए थे। सुबह जैसे ही पुल में दरार आई, तुरंत दोनों ओर बल्लियां लगाकर आवागमन बंद कर दिया था।
यह है नए पुल की स्थिति
हरियाणा सिंचाई विभाग लगभग 3 करोड़ रुपए की लागत से गुड़गांव नहर पर पुल बनाने का काम पूरा कर चुका है। आगरा नहर पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग का अधिकार है। ऐसे में पुल का निर्माण भी उत्तर प्रदेश सरकार को ही करना है। इस पर लगभग 9 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। हरियाणा सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग को 4 करोड़ रुपए दे भी चुका है।
पुल बनने के बाद होगा यह फायदा
इस पुल के बन जाने से ग्रेटर फरीदाबाद के मास्टर रोड की बाईपास रोड से कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। पुल का सबसे ज्यादा फायदा बड़ौली गांव के लोगों और नहर के पार बसी हुई सोसायटियों को होगा।