हरियाणा में पिछले महीने झमाझम बरसात के बाद अगस्त का पहला पखवाड़ा सूखा बीत रहा है. प्रदेश में इस महीने उम्मीद के मुताबिक बरसात नहीं हो पाई है. मौसम विभाग की मानें तो अब गर्मी और उमस लोगों को बेहाल करेगी, क्योंकि एक सप्ताह तक बरसात की संभावना न के बराबर है. 11 अगस्त से मानसून टर्फ रेखा का पाश्चिमी छोर हिमालय की तलहटियों की तरफ बढ़ने की संभावना है. इस परिस्थिति को देखते हुए प्रदेश में मानसूनी हवा (Monsoon Winds) कमजोर हो जाने की संभावना बन रही है. ऐसे में आने वाले दिनों में गर्मी और उमस का सामना करना पड़ सकता है.
बता दें कि 10 अगस्त से ब्रेक मानसून की परिस्थितियां बन गई हैं. इस समय मानसून की टर्फ हिमालय के तराई इलाकों में शिफ्ट हो रही है. अब पूरे उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में एक बार फिर से शुष्क हो जाएगा, लेकिन मानसून की पूर्वी टर्फ रेखा और धुरी अपनी सामान्य जगह से थोड़े दक्षिण में होगी. इसके अलावा बिहार और आसपास के क्षेत्र में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होने की भी उम्मीद है. मौसम विभाग के मुताबिक ब्रेक मानसून की स्थिति 15 या 16 अगस्त तक जारी रह सकती है.
10 अगस्त तक मौसम रहेगा परिवर्तनशील
मौसम विभाग की मानें तो बंगाल की खाड़ी में बने एक कम दबाब और मानसून की टर्फ रेखा बीकानेर, जयपुर, पूर्वी मध्यप्रदेश, डालतागंज से उत्तरपूर्व बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है. जो उत्तर की तरफ बढ़ने से नमी वाली पुरवाई हवा की थोड़ी सक्रियता बढ़ने से 10 अगस्त तक हरियाणा राज्य में मौसम परिवर्तनशील रहेगा. इसके साथ ही बीच-बीच में उत्तर पश्चिम व दक्षिण क्षेत्रों में कुछ एक स्थानों पर हवा व गरजचमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है.
किसानों को सलाह
कपास की फसल के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है. किसान खोदी करने का काम करें. इसके साथ ही कीटों की स्थिति देकर विश्वविद्यालय की सिफारिश पर रसायन का छिड़काव करें. जहां अधिक बारिश हो वहां पानी को अधिक खेतों में न भरा रहने दें.