हरियाणा सरकार ने दूसरी से 12वीं कक्षा के गरीब बच्चों को 134ए के बदले इंपैनल्ड प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलाने की योजना शुरू की है। इसके तहत शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों को रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए, जिसके लिए 23 अप्रैल की रात से पोर्टल खोल दिया गया था। स्कूलों को आवेदन करने के लिए 30 अप्रैल तक का मौका दिया गया है। लेकिन अभी तक केवल 53 स्कूलों ने ही आवेदन किया है, जबकि आज शनिवार रजिस्ट्रेशन का अंतिम दिन है। प्रदेश में 10000 से अधिक प्राइवेट स्कूल हैं। इन सभी स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने पोर्टल खोला था। मगर 6 दिन गुजरने के बाद भी बहुत कम प्राइवेट स्कूलों ने इंपैनल्ड होने के लिए आवेदन किया है, यानी दाखिला देने में स्कूलों की रुचि नहीं है। अभी तक हरियाणा के 22 जिलों में से केवल 18 जिलों के स्कूलों ने ही पोर्टल पर आवेदन किया है। अंबाला से एक, भिवानी से एक, फरीदाबाद से 3, फतेहाबाद से 3, गुरुग्राम से 3, हिसार से 3, झज्जर से 3, जींद से 4, कैथल से 6, करनाल से 2, कुरुक्षेत्र से 5, महेंद्रगढ़ से 3, नूंह से 2, पानीपत से 8, रेवाड़ी से एक, रोहतक से 2, सिरसा से एक व सोनीपत से 2 स्कूलों ने आवेदन किया है। शिक्षा मंत्री कंवर पाल के गृह जिले यमुनानगर से एक भी स्कूल ने आवेदन नहीं किया है। इसके अलावा पंचकूला, पलवल और चरखी दादरी के भी प्राइवेट स्कूलों ने आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को दाखिला देने की योजना में रूचि नहीं दिखाई है। सरकार ने योजना के तहत इंपैनल्ड होने वाले प्राइवेट स्कूलों को दूसरी से 5वीं कक्षा के लिए 700 रुपए, छठी से 8वीं कक्षा के लिए 900 रुपए और 9वीं से 12 वीं कक्षा के लिए 1100 रुपए प्रतिपूर्ति राशि निर्धारित की है। प्राइवेट स्कूलों से आवेदन आने के बाद स्कूलों की कुल संख्या के साथ मामले को विचार के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। उसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि योजना की तिथि आगे बढ़ाई जाए या नहीं।