73 दिन बाद सीएम ने खत्म कराई आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल, मानदेय में 2100 रुपये का किया इजाफा

lalita soni

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एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में तमाम मांगों पर चर्चा की गई। कई मांगों को मानने पर सहमति जता दी गई, जबकि अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार के पास पैरवी करने का आश्वासन दिया गया। बैठक के बाद आशा वर्कर्स यूनियन की राज्य प्रधान सुरेखा ने कहा कि मानदेय में बढ़ोतरी काम व महंगाई के हिसाब से कम है।

Asha workers strike ends in Haryana after 73 days

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में 2100 रुपये की बढ़ोतरी करने के साथ-साथ उनकी कई मांगों पर सहमति जताई है। इसके बाद 73 दिन से हड़ताल पर चल रहीं आशा कार्यकर्ताओं ने काम पर लौटने का एलान कर दिया। शुक्रवार से वे काम पर लौटेंगी। मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में सीएम के अलावा मुख्य प्रधान सचिव आरके खुल्लर, स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी अनुपमा, एनएचएम के निदेशक राज नारायण कौशिक व आशा को-आर्डिनेटर चांद सिंह मदान शामिल रहे।

वहीं, यूनियन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अध्यक्ष सुरेखा व महासचिव सुनीता ने किया। एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में तमाम मांगों पर चर्चा की गई। कई मांगों को मानने पर सहमति जता दी गई, जबकि अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार के पास पैरवी करने का आश्वासन दिया गया। बैठक के बाद आशा वर्कर्स यूनियन की राज्य प्रधान सुरेखा ने कहा कि मानदेय में बढ़ोतरी काम व महंगाई के हिसाब से कम है। इससे आशा संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद हड़ताल वापस ले रहे हैं। 30 अक्तूबर को दिल्ली में आशा कार्यकर्ताओं की राष्ट्रीय रैली में हरियाणा की आशा कार्यकर्ताएं बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगी। इससे पहले आशा कार्यकर्ताओं की मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से दो दौर की बैठक हो चुकी है।

ये मांगें मानीं

  • मानदेय 4000 से 6100 रुपये हो गया है।
  • रिटायरमेंट लाभ के रूप में 2 लाख रुपये मिलेगा।
  • प्रोत्साहन राशियों में 1500 रुपये की बढ़ोतरी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, पैरवी करेंगे सीएम।
  • चिरायु योजना में आशा कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाएगा।
  • हड़ताल के दौरान के फिक्स मानदेय को भी जारी करने का निर्णय।
  • यमुनानगर की आशा कार्यकर्ता पारुल के आश्रितों को मुआवजा मिलेगा।