विधानसभा का टिकट देने बाद बालकनाथ के बुलावे पर मठ आ रहे अमित शाह, रोहतक से राजस्थान जीतने की तैयारी

lalita soni

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महंत बालकनाथ राजस्थान के अलवर से सांसद हैं। साथ ही, मस्तनाथ मठ के महंत होने के नाते उनकी सामाजिक कार्यों में खासी भागीदारी रहती है। पार्टी हाईकमान ने करीब चार माह पहले एकाएक बाबा बालकनाथ को राजस्थान भाजपा का उपाध्यक्ष बनाकर पार्टी में उनका कद बढ़ा दिया और विधानसभा सीट के लिए टिकट दिया गया है।

Amit Shah come to Math on call of Balaknath After assembly ticket, preparing to win Rajasthan from Rohtak

भाजपा राजस्थान की सियासत का किला हर हाल में जीतना चाह रही है। इसके लिए उसने फायर ब्रांड और युवा चेहरे के तौर पर बाबा मस्तनाथ मठ के महंत बालकनाथ को राजस्थान के विधानसभा चुनाव में उतार दिया है। राज्य की सियासत में उनकी नई पारी को धमाकेदार बनाने के लिए टिकट देने के दो दिन बाद बुधवार को भाजपा के चुनावी चाणक्य अमित शाह मठ के कार्यक्रम में रोहतक पहुंच रहे हैं। इसी आयोजन में वीरवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा पार्टी के कई दिग्गज नेता शामिल होंगे।

महंत बालकनाथ को तिगारा विधानसभा सीट से टिकट मिला
महंत बालकनाथ राजस्थान के अलवर से सांसद हैं। वह विकास कार्यों की मौके पर पड़ताल और लोगों की समस्याओं का हल निकालने के लिए अफसरों को मौके पर बुलाने के कारण चर्चा में रहते हैं। साथ ही, मस्तनाथ मठ के महंत होने के नाते उनकी सामाजिक कार्यों में खासी भागीदारी रहती है। पार्टी हाईकमान ने करीब चार माह पहले एकाएक बाबा बालकनाथ को राजस्थान भाजपा का उपाध्यक्ष बनाकर पार्टी में उनका कद बढ़ा दिया। इसके बाद जिस दिन राजस्थान के चुनाव घोषित हुए उन्हें तिगारा विधानसभा सीट से टिकट देकर एक और संदेश दे दिया।
बाबा मस्तनाथ की समाधि पर स्वर्णकलश की स्थापना और महंत चांदनाथ के आठमान भंडारा कार्यक्रम में आरएसएस और भाजपा के दिग्गजों के साथ धर्मगुरुओं की मौजूदगी बड़ा संदेश देने की कोशिश है। इसीलिए पार्टी से धर्मेंद्र यादव और योगी आदित्यनाथ के अलावा योगगुरु बाबा रामदेव और जूना अखाड़ा के अवधेशानंद गिरि भी दो दिन के कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।

बाबा के सहारे सोशल इंजीनियरिंग का दांव

बिहार में जातिगत जनगणना का परिणाम घोषित होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी हर राज्य में इसकी मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष तो राजस्थान समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री का नाम लेकर अपनी पार्टी को पिछड़ों का हमदर्द घोषित करने से नहीं चूक रहे। ऐसे में बाबा बालकनाथ को विधानसभा चुनाव में चेहरा बनाकर भाजपा ने सोशल इंजीनियरिंग के मामले में बड़ा दांव चल दिया है। बाबा को आगे करने से कांग्रेस के पिछड़े कार्ड की काट हो जाएगी और उनकी सर्वसमाज में स्वीकार्यता को पार्टी भुना सकेगी।

सियासत में उतरने वाले मठ के तीसरे महंत हैं बाबा बालकनाथ

अस्थल बोहर मठ के महंत बाबा बालकनाथ से पहले महंत श्रयोनाथ और महंत चांदनाथ राजनीति में उतर चुके हैं। 1967 में हरियाणा के पहले विधानसभा चुनाव में किलोई हलके से मस्तनाथ मठ के महंत श्रयोनाथ व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता रणबीर सिंह हुड्डा के बीच मुकाबला हुआ। इसमें महंत निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विजयी रहे।

हालांकि एक साल बाद मध्यावधि चुनाव में रणबीर सिंह हुड्डा ने महंत श्रयोनाथ को हरा दिया। 1972 में महंत श्रयोनाथ ने पिछली हार का बदला लेते हुए रणबीर सिंह हुड्डा के बेटे कैप्टन प्रताप सिंह को हरा दिया था। बाबा बालकनाथ के गुरु महंत चांदनाथ ने 2004 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर राजस्थान की बहरोड़ सीट से चुनाव लड़ा और पार्टी के बागी जसवंत सिंह यादव को 13 हजार वोटों से हराया।

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने महंत चांदनाथ को अलवर से टिकट दिया। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता जितेंद्र सिंह को हराया। 2017 में महंत चांदनाथ के निधन के बाद उनके शिष्य और मठ के गद्दीनशीन महंत बालकनाथ ने अलवर से लोकसभा चुनाव लड़ा और विजयी रहे।