पंजाब में अब किसान आंदोलन के बाद जाट महासभा ने बीजेपी की टेंशन बढ़ाई, 5 सितंबर को महापंचायत में होगा बड़ा फैसला।

Parmod Kumar

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पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र जहां सियासी पार्टिंयां जनता को लुभाने के लिए घोषणाएं कर रही हैं वहीं पंजाब में भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं। किसानों के बाद अब जाट महासभा ने भी भाजपा के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। आपको बता दें कि मौजूदा वक़्त में पंजाब की कुल आबादी में जाट 35 से 40 फ़ीसदी हैं और वह सबसे बड़े जाति आधारित समूह हैं। जाट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौघरी वीरपाल सिंह ने वन इंडिया हिंदी से बात की और उन्होंने कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव में पंजाब और उत्तर प्रदेश जाट महासभा BJP को आईना दिखाने का काम करेगी। अब अपने शहर में लीजिए सबसे बेहतरीन एसयूवी की टेस्ट ड्राइव – यहां क्लिक करें 5 सितंबर को होगी महा पंचायत जाट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी वीरपाल सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के विरोध में मतदान किया जाएगा। पूरा जाट समाज भाजपा का विरोध करेगा। 5 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा ने महा पंचायत बुलाई है। महा पंचायत में काफ़ी मुद्दे पर फ़ैसले लिए जाएंगे उनमें से एक मुद्दा यह भी होगा कि अगर भाजपा के विरोध में जाते हैं तो हम किस पार्टी का समर्थन करेंगे और किधर जाएंगे ? भारतीय आर्थीक पार्टी की ओर रुख कर सकते हैं के सवाल पर चौधरी वीरपाल सिंह ने कहा कि व्यापारी वर्ग द्वारा इस पार्टी की घोषणा की गई है। इस पार्टी में न तो जाट महासभा शामिल है और ना ही किसान संगठन का इससे कोई ताल्लुक है। व्यापारी वर्ग तैयार करे और उस पार्टी में जाट चले जाएं इसका कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।

भाजपा का खुलकर विरोध पंजाब के राजीनतिक हालात पर चौधरी वीरपाल सिंह ने कहा कि कांग्रेस तो सत्ता में है और भारतीय जनता पार्टी जाट महासभा विरोध कर रही है। ये साफ़ है कि कांग्रेस सत्ता में है तो हम कांग्रेस के भी विरोधी हैं। क्योंकि सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने किसानों के लिए कुछ भी नहीं किया। पंजाब में पहले तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ही काला कानून लागू किया। वहीं उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का विरोध करेंगे। उत्तर प्रदेश में जाट बाहर से भी आकर बसे हैं लेकिन 24 ज़िलों में ऐसे जाट रहते हैं जो उनका पैतृक निवास है। 2022 में सरकार को ये साबित कर देंगे की अगर आप किसानों के हित में फ़ैसला नहीं ले सकते तो आपको सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। पंजाब चुनाव से ठीक पहले कैप्टन का मास्टर स्ट्रोक, लगाई इन बड़ी सौगातों की झड़ी ‘झूठे वादे कर रही है भाजपा’ चौधरी वीरपाल सिंह ने कहा कि पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने गन्ने की फसल का मूल्य 450 रूपये प्रति क्विंटल देने की भी बात कही है। यह सब सिर्फ़ झूठे वादे हैं। केंद्र में भाजपा सरकार ने गन्ने पर 5 रूपये प्रति क्विंटल बढाया है। किसानों की हालत जो पहले थे अभी भी वैसी ही है। पिछले साल का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। इस साल का भुगतान अगले साल तक आएगा। सरकार बदल जाती है लेकिन किसानों के हित में फैसला नहीं करती है। भाजपा द्वारा की गई घोषणाएं सिर्फ़ चुनावी जुमला है। झूठे वादे करके सत्ता में आ जाती है और किसान दिल्ली की सड़कों पर धरना देतें हैं राज्य सरकार के दफ़्तर पर प्रदर्शन होता है लेकिन किसानों के हित में कोई फ़ैसला नहीं होता है। ‘सरकार से MSP की गारंटी चाहिए’ चौधरी वीरपाल सिंह ने कहा कि किसान अब पढ़े लिखे हैं, अब किसान आत्महत्या नहीं करना चाहते, किसान मरना नहीं चाहते अब किसान हक़ के लिए लड़ना चाहते हैं। पिछले आठ महीने से किसान इसी की मांग कर रहे हैं। हम लोगों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सूची जारी कर दिया जाए। सारे फसल का ग्रेड बना दिया जाए उच्च कोटि, मध्यम कोटि और निम्न कोटि उसके मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर दिया जाए। हम लोगों MSP दे दिया जाए, यही महत्वपूर्ण मांग है। कानून वापस करने का प्रावधान तो द्वीतिय चरणों में है। प्रथम चरण में तो हम लोगों क़ानूनी तौर सरकार से MSP की गारंटी चाहिए।