हरियाणा के करनाल जिले में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद वार-पलटवार का दौर जारी है. इस मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा के सीएम अब आमने-सामने हैं. सीएम मनोहर लाल ने करनाल की घटना के पीछे पंजाब का हाथ बताया है. हरियाणा सरकार का कहना है कि पंजाब से शुरू हुआ किसान आंदोलन का केंद्र अब हरियाणा बनता जा रहा है. इसके पीछे पंजाब की सोची-समझी साजिश है. अब ये आंदोलन किसानों के हित के लिए नहीं रहा.
वहीं इसी मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से इस्तीफा देने की सलाह दे डाली. इस पर अब सियासी हमले शुरू हो गए हैं. सीएम खट्टर ने इस बात पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अमरिंदर सिंह कौन होते हैं मेरे से इस्तीफा मांगने वाले. उन्होंने कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन करने वाले किसान पंजाब से हैं, ऐसे में सिंह को अपना इस्तीफा देना चाहिए. सीएम खट्टर ने कहा कि सिंघू या टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों में कोई भी हरियाणा से नहीं है.
इसके साथ ही सीएम मनोहर लाल ने पंजाब पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि करनाल में जो किसानों का प्रदर्शन हुआ उसमें सीधे तौर पर पंजाब का हाथ है. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो राजेवाल पंजाब के सीएम को लड्डू नहीं खिलाता, उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर जो हो रहा है इसके लिए उन्होंने हरियाणा को गलत चुना है.
कृषि कानून रद्द कराएं, मैं लड्डू खिलाऊंगा
वहीं हरियाणा के सीएम के बयान के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी. कैप्टन ने कहा कि किसानों की बदहाली के लिए पंजाब नहीं, बल्कि बीजेपी जिम्मेदार है. शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज ने आपकी सरकार के किसान विरोधी एजेंडे को जगजाहिर कर दिया है. कैप्टन ने मनोहर लाल खट्टर से कहा कि वे कृषि कानून रद्द कराएं, तो सिर्फ किसान नहीं बल्कि मैं भी आपको लड्डू खिलाऊंगा.
किसानों पर हरियाणा पुलिस की बर्बरता देख हैरान हूं
एसडीएम की वीडियो पर सीएम खट्टर ने क्या बोला?
वहीं एसडीएम के किसानों का सिर फोड़ने वाले वीडियो पर हरियाणा सीएम मनोहर लाल ने कहा कि मैंने भी अधिकारी का वीडियो देखा है, ये शब्द नहीं बोलने चाहिए थे, उन्होंने गलत शब्दों का चयन किया. लेकिन सख्ती नहीं होनी चाहिए ऐसा भी नहीं है. अधिकारी पर कार्रवाई की बात पर उन्होंने कहा कि ये प्रशासन देखेगा कि कार्रवाई होगी या नहीं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जैसे सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है वैसे ही अपना काम करने का भी है.