अग्निपथ स्‍कीम: सेना में पहली बार पूछी जा रही जाति, मोदी जी अग्निवीर बनाना है या जातिवीर

Parmod Kumar

0
126

अग्निपथ स्‍कीम के तहत सेना भर्ती में जाति पूछने को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने नया विवाद छेड़ दिया है। उन्होंने एक ट्वीट करके सरकार पर आरोप लगाया कि सेना में जातिवादिता फैलाई जा रही है। हालांकि सरकार ने कहा है कि ऐसा कुछ नहीं है, जो कुछ है वह पहले से ही चली आ रही व्यवस्था है। कहीं कोई बदलाव नहीं किया गया है।विपक्ष के आरोपों को गलत बताते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सफाई देते हुए कहा, “यह सिर्फ एक अफवाह है। पहले की व्यवस्था, जो आजादी के पहले से मौजूद थी, चल रही है। कोई बदलाव नहीं किया गया है। पुरानी व्यवस्था को जारी रखा जा रहा है।” संजय सिंह ने अपनी ट्वीट में लिखा है, “मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या मोदी जी दलितों/पिछड़ों/आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते? भारत के इतिहास में पहली बार “सेना भर्ती “ में जाति पूछी जा रही है। मोदी जी आपको “अग्निवीर” बनाना है या “जातिवीर””। इसको लेकर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार की घोर जातिवादी मानसिकता को उजागर करती है। कहा कि सेना में स्वास्थ्य देखकर भर्ती की जाती है, सेहत देखकर भर्ती की जाती है, खेलकूद की प्रतिभा देखकर भर्ती की जाती है। भारत माता के प्रति, सेना के प्रति उसकी निष्ठा देखकर भर्ती की जाती है, जाति पूछकर भर्ती नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि आप क्यों जाति का सर्टिफिकेट मांग रहे हैं, आप कौन होते हैं जाति का सर्टिफिकेट मांगने वाले, सेना में कोई आरक्षण तो होता नहीं है। यह एक जातिवादी मानसिकता सरकार का उजागर करती है। इसी मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 2013 में कांग्रेस सरकार के दौरान सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक पीआईएल के जवाब में उस समय सेना ने साफ किया था कि सेना में जाति और धर्म को लेकर कोई भर्ती नहीं की जाती है। लेकिन प्रशासनिक और संचालन-परिचालन के लिए इसकी जरूरत पड़ती है। युद्ध के दौरान अगर दुर्भाग्यवश हमारा कोई जवान शहादत को प्राप्त हो जाता है तो उसका अंतिम संस्कार करने के लिए यह जानना जरूरी होता है।