भाजपा नेता वरुण गांधी सेना में भर्ती के लिए लाई गई योजना अग्निपथ में रिटायर होने वाले सैनिकों को पेंशन ना दिए जाने को लेकर काफी मुखर दिखाई दे रहे हैं। इस योजना के तहत रिटायर होने के बाद अग्निवीरों को पेंशन नहीं दी जाएगी, जिसके बाद से सरकार की ओर से सांसदों और विधायकों को दी जाने वाली करोड़ों की पेंशन को लेकर लोग लगातार सवाल उठा रहे हैं। इसी को लेकर वरुण ने शुक्रवार को एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने सांसद के तौर पर मिलने वाली पेंशन को छोड़ने की बात कही। इसके साथ उन्होंने सभी सांसदों और विधायकों से सवाल भी किया, क्या हम विधायक और सांसद अग्निवीरों के लिए पेंशन नहीं छोड़ सकते? वरुण ने ट्वीट कर कहा, “अल्पअवधि की सेवा करने वाले अग्निवीरों को पेंशन का अधिकार नहीं है तो जनप्रतिनिधियों को यह सहूलियत क्यों? राष्ट्रीय रक्षकों को पेंशन का अधिकार नहीं है तो मैं अपनी पेंशन छोड़ने को तैयार हूं। क्या हम विधायक और सांसद अपनी पेंशन छोड़ यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन मिले। उन्होंने आगे कहा कि 24 सरकारी विभागों में ग्रुप सी के कर्मचारियों की संख्या 10.84 लाख है, इसमें से सैनिकों की संख्या मात्र 13,976 हैं जो कि 1 फीसदी से भी कम है। इन्हीं विभागों में ग्रुप डी की कुल 3.25 लाख भर्तियां हैं, जिसमें पूर्व सैनिक मात्र 8 हजार के आसपास है। इसके साथ उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि अगर सरकार नौकरियों को लेकर इतनी गंभीर है तो फिर सरकारी विभागों में अभी भी 1 करोड़ से अधिक पद क्यों खाली पड़े हुए हैं।
अग्निवीरों को पेंशन का अधिकार नहीं है तो मैं भी अपनी पेंशन छोड़ने को तैयार, वरुण गांधी बोले- सिर्फ जनप्रतिनिधियों को ये सहूलियत क्यों
Parmod Kumar