कनाडा के वैज्ञानिकों का दावा है ये वॉक से ज्यादा असरदार है,
हाई ब्लड प्रेशर से परेशान हैं तो 30 मिनट की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें। यह वॉक से भी ज्यादा असरदार है। यह दावा कनाडा की एक यूनिवर्सिटी ने किया है। वैज्ञानिकों का कहना है, स्ट्रेचिंग और वॉक का हाई ब्लड प्रेशर पर कितना असर पड़ता है, यह रिसर्च के जरिए जानने की कोशिश की गई है।
ऐसे हुई रिसर्च
वैज्ञानिकों के मुताबिक, रिसर्च के दौरान हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे 40 मरीजों के दो ग्रुप बनाए गए। एक ग्रुप को वॉक और दूसरे को स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने को कहा गया। रिसर्च में सामने आया कि ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में वॉक से ज्यादा स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज असरदार रही।
यह एक्सरसाइज मसल्स की अकड़न दूर करती है
फिजिकल एक्टिविटी एंड हेल्थ जर्नल में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, जब इंसान स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करता है तो मसल्स से लेकर धमनियों तक असर होता है। यह मांसपेशियों की अकड़न को दूर करती है। इनमें ब्लड का फ्लो बेहतर होता है।
चर्बी घटाने के लिए भी स्ट्रेचिंग बेहतर
रिसर्च में दावा किया गया है कि अगर आप चर्बी को घटाना चाहते हैं तो वॉक बेहतर विकल्प है। रिसर्च के दौरान सामने आया कि जिन लोगों ने वॉक की उनका वजन स्ट्रेचिंग करने के मुकाबले अधिक घटा। वैज्ञानिकों का कहना है, खुद को रिलैक्स करने के लिए सोफे की बजाय जमीन पर बैठें और टीवी देखते हुए भी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं।
ब्लड प्रेशर के डर को ऐसे समझें
मेडिकल न्यूट्रशीनिस्ट डॉ बिस्वरूप राय चौधरी का कहना हैं कि ब्लड प्रेशर बीमारी नहीं, यह शरीर में होने वाले नकारात्मक बदलाव का एक लक्षण है। इसे काबू करने के दो फॉर्मूले हैं। पहला, अपनी रोज के खाने में 50 फीसदी फल और कच्ची सब्जियां खाएं। दूसरा, नमक और तेल से दूर रहें।
इसे ऐसे समझ सकते हैं कि एक पेशेंट जैसे ही डॉक्टर को देखता है उसका बीपी बढ़ना शुरू हो जाता है। जैसे वह हॉस्पिटल से बाहर आता है, बीपी सामान्य होना शुरू हो जाता है। मेडिकल भाषा में इसे ‘व्हाइट कोट सिंड्रोम’ कहते हैं। दवा लेने वाले 80 फीसदी मरीजों में यह सिंड्रोम देखा गया है। ऐसे मरीजों को दवा की इतनी जरूरत नहीं होती। इस तरह बीपी केवल कुछ समय के लिए अचानक बढ़ता है।
उदाहरण के लिए, अचानक सांप दिख जाने पर हार्ट बीट बढ़ेगी तो बीपी भी बढ़ जाएगा। ऐसी स्थिति में दिमाग हमें परिस्थिति से लड़ने और भागने के लिए अलर्ट भेजता है। इसलिए ब्लड प्रेशर बीमारी नहीं, यह इमरजेंसी में हमे तैयार करने का एक माध्यम जैसा है।