रबी फसलों की कि बुआई का समय नजदीक आता जा रहा है, जिसको देखते हुए राज्य सरकारों द्वारा यूरिया, डीएपी सहित अन्य खाद उर्वरकों की व्यवस्था की जा रही है। इस कड़ी में मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार ने खरीफ में किसानों को आवश्यक मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराया है और रबी में भी इसी प्रकार से किसानों की आवश्यकता अनुसार उर्वरक उपलब्ध करायेंगे।
किसान डीएपी की जगह करें एनपीके खाद का उपयोग
कृषि मंत्री ने कहा कि फसलों के लिये नाईट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की आवश्यकता होती है। डीएपी से नाइट्रोजन एवं फास्फोरस की ही पूर्ति हो पाती है, जबकि एनपीके के उपयोग से नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश तीनों तत्वों की पूर्ति हो जाती है। इसलिये किसानों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा डीएपी के स्थान पर एनपीके के उपयोग की सलाह दी जा रही है।
किसानों को इस रेट पर मिलेगा डीएपी और यूरिया
केंद्र सरकार ने डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ा दी है जिससे कि किसानों को किसी तरह की समस्या न हो। एक बैग यूरिया की कीमत 2 हजार 265 रूपये है। जबकि सरकार इसे सस्ते दर पर किसानों को 266.50 रूपये में उपलब्ध करा रही है। इसी प्रकार डी.ए.पी की एक बैग की कीमत 2 हजार 446 रूपये है, जबकि सरकार इसे किसानों को 1,350 रूपये प्रति बैग पर उपलब्ध करा रही है।
अभी राज्य में उपलब्ध है इतना डीएपी और यूरिया
कृषि मंत्री कंषाना ने कहा कि खरीफ 2024 में किसानों को 32.97 लाख मीट्रिक टन की मांग के विरूद्ध 33.69 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराया गया है, जबकि पिछले वर्ष खरीफ 2023 में 32.62 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध कराया गया था। इसी प्रकार रबी 2024 में 41.10 लाख मीट्रिक.टन की मांग के विरूद्ध 01 अक्टूबर 2024 से अभी तक 19 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराया गया है। जिसमें 7.74 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 5.21 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 6.05 लाख मीट्रिक टन एसएसपी उपलब्ध करा दिया गया है।
प्रदेश में रबी 2024 के लिए भी पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं। मध्यप्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जो उर्वरकों का अग्रिम भंडारण करता है ताकि किसानों को उर्वरक की कोई कमी न हो। रबी सीजन की शुरुआत में राज्य ने पहले ही 6.55 लाख मीट्रिक टन अग्रिम भंडारण कर लिया था। भारत सरकार से पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने का आश्वासन मिला है और लगातार उर्वरक प्राप्त भी हो रहे है। किसानों को उनकी मांग के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जायेगा।
किसान करें नैनो यूरिया और डीएपी का उपयोग
कृषि मंत्री ने कहा कि “नैनो यूरिया” और “नैनो डीएपी” भी किसानों को उपयोग करने की सलाह दी गई है। फूल आने से पहले स्प्रे करने से उपज में वृद्धि होती है। किसानों को उर्वरकों की बिक्री पर अन्य उर्वरक टैग करने के लिये कोई दबाव नही डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दिए गए उर्वरक गुणवत्तापूर्ण हों। जहाँ भी घटिया गुणवत्ता के उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक ब्रिकी की सूचना मिलेगी, उनके विरूद्ध हम सख्त कार्रवाई करेंगे। कालाबाजारी और नकली उर्वरकों के मामले में हम कानूनी कार्रवाई भी करेंगे और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे।