मार्केटिंग सेक्टर में एआई ने फूंकी नई जान : डॉ. एम. नंदा !

parmodkumar

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सफलता.कॉम द्वारा प्रोडक्ट मार्केटिंग में एआई की भूमिका विषयपर आयोजित किये गए मास्टर क्लास सेशन में अतिथि वक्ता मुख्य विपणन अधिकारी, स्टोवक्रॉफ्ट लिमिटेड डॉ. एम. नंदा ने कहा कि जब भी कोई प्रो़डक्ट लांच करता है तो उसे पता होता है कि उसे इस प्रोडक्ट को किस कस्टमर को बेचना है, और इसके बारे में अपने टारगेट ऑडियंस को क्या बोलना चाहिए। उन्होंने कहा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस(एआई) से पहले इंटरनेट ऑफ थिंग्स(आईओटी) आया। जिसमें आप अपने मोबाइल फोन से अपने प्रोडक्ट को कंट्रोल कर सकते हैं। आईओटी का आना एक बहुत बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन था। जिसके देश में बहुत शानदार तरीके से आने की जरूरत थी। ऐसा नहीं हो सका लेकिन आज भी आईओटी को एआई के साथ मिलाकर बहुत शानदार प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं। जैसे घर में जो गैस स्टोव जलाया जाता है उसके पास परिवार की महिला-पुरुष को लगातार ध्यान से रहना पड़ता है। जैसे कुकर में कोई सामान पकने के लिए रखा गया है तो उसमें 3-4 सीटी आने पर गैस को बंद करना जरूरी है। उसी समय महिला घर में अन्य कार्य भी कर रही होती है। कल्पना करें कि इस गैस स्टोव में एक टाइमर मिलता है जो प्रेशर कुकर में 4 सीटी आने के बाद गैस को स्वत: बंद कर देगा। या फिर आपके मोबाइल फोन में उस गैस स्टोव का कंट्रोल हो और 4 मिनट बाद कहें कि गैस स्टोव बंद कर दो तो वह कमांड लेकर ऑटोमैटिक उसे बंद कर दे। ये आईओटी के साथ एआई का बहुत अच्छा मिश्रण है। किसी दिन अगर आप भूल भी जाएंगे तो एआई खुद उसे टाइम पर बंद कर देगा। कुछ कंपनियां मार्केट में ऐसे प्रोडक्ट लेकर आ भी गईं हैं जिनमें टाइमर लगा है। आने वाले समय में घर के सभी प्रोडक्ट मसलन एसी, फ्रिज, गैस स्टोव आदि सब मोबाइल से ही कंट्रोल होंगे।

जल्द ही लांच होंगे मोबाइल से कंट्रोल होने वाले घरेलू उपकरण

जैसे आपको ऑफिस से गर्मी में घर जाना है। घर पर एसी बंद है जो कूलिंग करने में समय लेगा। तो मोबाइल पर कंट्रोल होने पर आप उसे पहले ही ऑन कर सकते हैं। या फिर आने वाले समय में ऐसा भी हो सकता है कि प्रोडक्ट को आपकी लोकेशन मिल जाए वो आपके घर के आसपास पहुंचने पर स्वत: ऑन हो जाए। जैसे आजकल बाजार में ऐसे प्रोडक्ट भी आ चुके हैं जिनमें आप हर तरह का खाना पका सकते हैं, दही भी जमा सकते हैं। उनमें टाइमर लगा है। अगर किसी को सुबह 4 बजे फ्लाइट पकड़नी है तो उसे 2 बजे उठना पड़ेगा। इतनी तड़के कौन उठकर उसके लिए खाना बनाएगा। तो इस कुकर में आप शाम को चावल और बाकी इंग्रीडिएंट डालकर गैस पर रख दो। 2.30 बजे का टाइमर लगा दो। 2 बजे उठकर नहा धोकर जब तक आप टेबल पर आएंगे आपका खाना तैयार हो चुका होगा।

आज के समय में मिनटों में हो रहा है मार्केटिंग एनालिसिस
डॉ. नंदा ने कहा कि आज अपने प्रोडक्ट की परफॉर्मेंस को चेक करना बहुत आसान हो गया है। नब्बे के दशक में जब हम मार्केटिंग करते थे तो उस समय मार्केटिंग काफी अंधेरे में छोड़ा गया तीर जैसी थी। जिसका आरओआई निकालने में समय लग जाता था। लेकिन आज हर मार्केटर को पता है कि वो कहां पर पैसा लगा रहे हैं और उसका क्या रिस्पांस है। जैसे मान लो हमने अमेजन पर एक लाख रुपये लगाए तो हमें रियल टाइम में ये पता चल जाएगा कि उसका क्या रिस्पांस है। या फिर इंस्टाग्राम पर हमने अगर पैसा लगाया तो पता चलता है कि कितने लोगों ने हमारा एडवरटीजमेंट देखा। कितने लोगों ने उसे देख लिया या कितने एक्स्ट्रा पीस हमने बेच लिये।

उन्होंने कहा कि आज आप चाहे कस्टमर्स के लिये वारंटी पॉलिसी बना रहे हैं, या प्रोडक्ट लांच कर रहे हैं या फिर प्रीमियम प्रोडक्ट बना रहे हैं या फिर कोई मार्केटिंग कम्युनिकेशन दे रहे हैं डिजिटल या प्रिंट मीडिया में। तो उसमें बहुत सारे ब्रांड अपने प्रोडक्ट की बात करते हैं लेकिन आपको ये नहीं भूलना चाहिए कि कन्ज्यूमर का उसमें क्या फायदा होगा। क्योंकि जब आप पहले कन्ज्यूमर के बारे में सोचेंगे फिर प्रोडक्ट बनाएंगे तो प्रोडक्ट भी अच्छा बनेगा और मार्केटिंग भी अच्छी होगी। तो आप पहले अपने टारगेटेड ग्रुप तय करें, उसके लिए आपके उत्पाद में क्या है वो सोचें। अगर आप अपना प्रोडक्ट ग्राहकों की जरूरत को ध्यान में रखकर तैयार करेंगे तो बेहतर तैयार होगा। इसके अलावा वेबसाइट पर आप अपने प्रोडक्ट को 360 डिग्री व्यू में दिखा सकते हैं। अनबॉक्सिंग वीडियोज, बेहतर क्लिक्स पर प्रोडक्ट तक पहुंच, चैट बोट के जरिये ग्राहक से बात कर सकते हैं। इसमें भी एआई का इस्तेमाल कर सकते हैं।

एआई ने फूंकी मार्केटिंग सेक्टर में नई जान

उन्होंने कहा कि आज जो लोग एड की कॉपी लिखते हैं, या प्रो़डक्ट डिस्क्रिप्शन लिखते हैं वो चैट जीपीटी का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये फी एक एआई टूल है। आप जितना अच्छा प्रोम्ट डालोगे उतना अच्छा रिस्पांस आपको ये दिखा देगा।
मार्केटिंग में आज कंटेंट बहुत महत्वपूर्ण है आप कैसा कंटेंट लिखते हैं ये सबसे ज्यादा जरूरी है। आप ई मेल मार्केटिंग, कंटेंट मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाइन मार्केटिंग, ई-मेल मार्केटिंग, परफॉर्मेंस मार्केटिंग, मेटा एड्स – सोशल परफॉर्मेंस मार्केटिंग आदि कर सकते हैं। तो डिजिटल में मौजूदा समय में युवाओं के लिए लाखों अवसर हैं।

इंटरव्यू में बयां करें सच्चाई

जब आप पहले इंटरव्य़ू में जाते हैं तो उन्हें भी पता है कि आप नए हैं तो आपसे ज्यादा अपेक्षाएं नहीं होंगी। लेकिन आपको जितना आता है सच बताना होगा, बाकी यही बोलना कि मैं इससे आगे सीखने के लिए तैयार हूं। अगर आपके अंदर सीखने की जिज्ञासा है और खुद से भी आप कुछ न कुछ सीखने की ललक है तो ही आप बेहतर कंडिडेट माने जाएंगे।

इंटर्नशिप में पैसे का मोह छोड़, सीखने पर ध्यान दें युवा

युवाओं को सलाह देते हुए उन्होंने इंटर्नशिप की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पैसा कमाने के लिए ईश्वर ने बड़ी जिंदगी दी है। अगर कहीं आपको सीखने को मिल रहा है तो उसे पैसे से न तौलें। अगर आपको सीखने का अवसर मिल रहा है और वह आपको स्टाइपेंड नहीं देते तो आपका नजरिया ये नहीं होना चाहिए कि मुझे पैसे नहीं मिलेंगे तो काम नहीं करूंगा। आपको वहां सीखना चाहिए। क्योंकि अगर आप सीखने की स्थिति में हैं तो उस समय पैसे की उम्मीद न रखें। अगर कंपनी अपनी तरफ से आपको सिखाने के दौरान कोई स्टाइपेंड दे रही है। उसे ही स्वीकार करें। क्योंकि जब तक आप चीजों को सीखेंगे नहीं फिर नौकरी में परफॉर्म कैसे करेंगे।