इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा सेंट्रल लंदन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार ने ‘हिंदुजास एंड बॉलीवुड’ पुस्तक का विमोचन किया। इस समारोह में विदेश और राष्ट्रमंडल मामलों के राज्य मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद भी शामिल हुए। प्रसिद्ध भारतीय फिल्म समीक्षक अजीत राय द्वारा लिखित इस पुस्तक में उस समय की अनकही कहानी को दर्शाया गया है जिसे भारतीय सिनेमा का स्वर्णिम काल कहा जाता है और जब हिंदुजा भारतीय फिल्म उद्योग के प्रमुख संरक्षक के तौर पर सक्रिय थे। इसमें भारतीय फिल्म उद्योग के लिए विदेशों में एक व्यापक बाजार उपलब्ध कराने में हिंदुजा परिवार द्वारा निभाई गई भूमिका का भी ब्यौरा दिया गया है। फिल्म उद्योग के साथ हिंदुजा परिवार का जुड़ाव 50 से 90 के दशक तक है, जिसमें निर्देशक राज कपूर, देव आनंद आदि के साथ कायम सफल जुड़ाव भी शामिल हैं। हिंदुजा परिवार ने 1200 से अधिक फिल्मों के लिए वित्त सुविधा उपलब्ध कराई और इन फिल्मों के प्रदर्शन में सहायता की। इन फिल्मों में ‘संगम’ और ‘श्री 420’ जैसी प्रतिष्ठित फिल्में भी शामिल हैं। हिंदुजा समूह की विशेष रूप से एक मनमोहन देसाई के साथ बेहद सफल साझेदारी रही। इस साझेदारी ने नसीब, कुली, सुहाग, मर्द जैसी हिट फ़िल्में दीं। इन सभी फिल्मों में अमिताभ बच्चन ने काम किया है। हिंदुजा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के को-चेयरमैन जी पी हिंदुजा ने पुस्तक लॉन्च के अवसर पर कहा, ‘‘भारत और दुनिया के अन्य देशों के बीच सिनेमा के क्षेत्र में सह-निर्माण की काफी संभावनाएं हैं। यह पुस्तक नए फिल्म निर्माताओं और सिनेमा प्रेमियों की नई पीढ़ी को प्रेरित करेगी। हमने बॉलीवुड की जिन फिल्मों के लिए धन मुहैया कराया, और जिन्हें हमने वितरित किया है, उनमें हमने कभी पैसा नहीं खोया है, क्योंकि हम पैसा कमाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।”पुस्तक में बताया गया है कि ‘‘आज हिंदी फिल्में पूरी दुनिया में अच्छा कारोबार कर रही हैं, लेकिन इसकी नींव 1955 में ईरान में हिंदुजा बंधुओं ने रखी थी।’’ ईरान में शुरू हुआ यह सफर जल्दी ही पूरी दुनिया में मशहूर हो गया। आज शायद ही कोई इस बात पर यकीन कर सके कि करीब पचास साल पहले जब राज कपूर की फिल्म ‘संगम’ फारसी में डब होने के बाद ईरान में रिलीज हुई थी, तो यह तीन साल चली और मिस्र की राजधानी काहिरा में इसका प्रदर्शन लगातार एक साल तक हुआ।
अक्षय कुमार ने लॉन्च की ‘हिंदुजास एंड बॉलीवुड’ पुस्तक, भारतीय सिनेमा में योगदान दर्शाती फिल्म समीक्षक अजीत राय की किताब
Parmod Kumar