करनाल भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं पुराने कार्यकर्ताओं को सम्मान न मिलना और नजरअंदाजगी बने कारण

Parmod Kumar

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हरियाणा की सबसे हॉट लोकसभा सीट करनाल में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। करनाल में एक के बाद एक नाराज भाजपा नेता खुलकर सामने आ रहे हैं। पहले शहर के मजबूत पंजाबी चेहरे मनोज वधवा ने भाजपा छोड़ी, अब पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक सुखीजा ने मोर्चा संभाल लिया है।

दोनों ही नेताओं की नाराजगी पार्टी में नेतृत्व द्वारा सम्मान नहीं मिलना बताया है। खासकर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सख्त रवैये और बिना चर्चा किए नायब सैनी को करनाल से प्रत्याशी बनाने को लेकर विरोध है। इनके अलावा, कई बाहरी लोगों के चुनाव का काम संभालने को लेकर भी स्थानीय नेताओं को आपत्ति है। उधर, नाराजगी के इनपुट मिलते ही मनोहर लाल ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।

दरअसल, स्थानीय भाजपा नेताओं को इस बात को लेकर आपत्ति है कि नायब सैनी को प्रत्याशी बनाने को लेकर उनसे कोई चर्चा नहीं की गई। इसके अलावा, चुनाव प्रबंधन का काम कुछ लोगों को सौंप दिया गया है, इसमें कुछ बाहरी राज्यों के भी हैं। स्थानीय नेताओं का तर्क है कि दूसरे राज्यों के लोगों को न तो करनाल के मुद्दों की समझ है और न ही मतदाताओं की, लेकिन वह अहम भूमिका में और स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं को सम्मान नहीं मिल रहा है।

सूत्रों का दावा है कि नाराज भाजपा कार्यकर्ता और नेता अब जल्द ही बैठक करने जा रहे हैं। इसी बैठक में आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। बताया जा रहा है कि कुछ नेता अंदरखाते अभी भी चुनाव में काम नहीं कर रहे हैं।

सूचना मिलते ही सप्ताह के बाद मनोहर लाल प्रदेश के अन्य जिलों में दौरे के बाद मंगलवार को करनाल पहुंचे। यहां कर्ण कमल में उन्होंने एक के बाद एक कई बैठकें की। इनमें कई मोर्चों के नेता शामिल रहे। बैठकों में एक एक कार्यकर्ता से फीडबैक लिया गया और उनको जिम्मेदारियां सौंपी गई।