जानकारी के मुताबिक जमुआ में 315 राजस्व गांव में महज 35 क्विंटल ही धान के हाइब्रिड बीज उपलब्ध करवाए गए। बीज दुकानों की जमुआ में बाढ़ है पर अमूमन दुकान मौसमी व गैर अनुज्ञप्तिप्राप्त है। ये न केवल जैसे तैसे बीज बेच रहे हैं। उनके द्वारा बेचे जा रहे बीजों की विश्वसनीयता एवं गुणवत्ता पर कुछ कहा नहीं जा सकता। बीज कम्पनियों की बाढ़ आ गयी है और एक ही प्रभेद के बीज के दाम हर जगह अलग अलग हैं। उन्नत बीजों के चयन में कृषक उहापोह में हैं। लगातार बारिश के चलते बीज लगाने का मुफीद मौका भी इस वर्ष कृषकों को बहुत कम मिला है। कृषि विभाग एवं आत्मा के पास भी प्रत्यक्षण के लिए इस वर्ष अबतक कोई बीज प्राप्त नहीं है। गरीब कृषक प्रत्यक्षन की बीज से काम चलाते थे। इस वर्ष वह भी मिलने से रहा। बता दें कि प्रत्यक्षन के लिए जिला से कृषि विभाग को बीज मिलते थे। इस वर्ष वह भी नदारद है। इस बाबत बीटीएम पवन कुमार ने कहा कि फंड के अभाव में इस वर्ष अबतक बीज अप्राप्त हैं। लेकिन उम्मीद है कि प्रत्यक्षण के लिए कुछ बीज आ सकता है।