टोहाना से सभी प्रदर्शनकारी रिहा हुए , संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के थानों का घेराव खत्म करने का ऐलान कर दिया है. 

Parmod Kumar

0
386

हरियाणा में किसानों और पुलिस-प्रशासन के बीच पिछले कई दिनों से जारी टकराव अब खत्म हो गया है. सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के विधायक देवेंद्र बबली के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार के मामले में गिरफ्तार किसान नेताओं को पुलिस ने रिहा कर दिया है. गिरफ्तार नेताओं की रिहाई के साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के थानों का घेराव खत्म करने का ऐलान कर दिया है हरियाणा के थानों का घेराव खत्म करने का ऐलान करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं एक और किसान जो जेल में बंद है, उसे भी जल्द ही छोड़ने की बात पुलिस अधिकारियों की ओर से कही गई है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने हरियाणा में चल रहा धरना खत्म करने का ऐलान किया और कहा कि हम अब वापस दिल्ली जाकर वहां चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होंगे राकेश टिकैत ने इसे संयुक्त किसान मोर्चा की बड़ी जीत बताया और कहा कि बीजेपी और जेजेपी के विधायकों और नेताओं का किसान विरोध करते रहेंगे.वे जहां भी सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए जाएंगे, उन्हें किसान काले झंडे दिखाएंगे. उन्होंने कहा कि देवेंद्र सिंह बबली ने किसानों को लेकर अपने बयान पर खेद व्यक्त किया है और उनके सहयोगियों ने अपनी शिकायत वापस ले ली है।

टिकैत ने हरियाणा के किसानों से लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहने की अपील की और कहा कि केंद्र सरकार को कृषि कानून वापस लेने ही होंगे. इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के हर थाने पर प्रदर्शन का ऐलान किया था. पुलिस अधिकारियों ने किसानों का धरना खत्म हो जाने की पुष्टि की है पुलिस अधिकारियों के मुताबिक किसान धरना स्थल से चले गए हैं. टोहाना में थाने के बाहर चल रहे धरने का नेतृत्व वरिष्ठ किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव और गुरनाम सिंह चढ़ूनी कर रहे थे. यह धरना किसान नेताओं रवि आजाद और विकास सिसार की रिहाई की मांग को लेकर शुरू हुआ था. इन दोनों को पिछले हफ्ते जेजेपी विधायक देवेंद्र सिंह बबली के आवास का घेराव करने की कोशिश करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. एक अन्य किसान माखन सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इन गिरफ्तारियों के बाद हरियाणा के फतेहाबाद जिले का टोहाना थाना किसानों और पुलिस-प्रशासन के बीच टकराव का केंद्र बन गया था।