पंजाब में सियासी हलचल लगातार जारी है। लंच डिप्लोमेसी के बाद अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह एक बार फिर से दिल्ली पहुंच रहे हैं। अगले हफ्ते वह दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से मिलने के लिए तैयार हैं।
बताया जा रहा है कि राज्य में राजनीतिक संकट को दूर करने और नवजोत सिंह सिद्धू को समायोजित करने के फॉर्म्युले के साथ अमरिंदर सिंह पंजाब पहुंच रहे हैं। हालांकि बैठक की अंतिम तारीख अभी तय नहीं हुई है।
4 दिनों तक दिल्ली में हुईं मैरथन बैठक
इस सप्ताह की शुरुआत में, नवजोत सिंह सिद्धू ने नई दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और अपना पक्ष रखा। पंजाब कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी राष्ट्रीय राजधानी में चार दिनों तक राहुल गांधी के साथ मैराथन बैठकें की थीं।
पैनल ने दी है रिपोर्ट
पंजाब में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है और पार्टी की अंदरूनी कलह कांग्रेस के सामने एक चुनौती है। संकट को हल करने के लिए, तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट पहले ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दी थी।
सुनील जाखड़ का बदला जाना तय
सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान पीसीसी प्रमुख सुनील जाखड़ को बदला जाना तय है। कैप्टन ने लंच डिप्लोमेसी के जरिए खुलेआम अपने पत्ते खेले थे, जिसके बाद कहा गया कि एक हिंदू नेता को राज्य में पार्टी का नेतृत्व करने का मौका दिया जाना चाहिए। माना जा रहा है कि इस पद के लिए नवजोत सिंह सिद्धू का मुकाबला करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
प्रमुख हिंदू नेता को पीसीसी की कमान!
सूत्रों के अनुसार, एक प्रमुख हिंदू नेता और पंजाब सरकार में मंत्री और एक पूर्व केंद्रीय मंत्री इस पद के लिए सबसे आगे चल रहे हैं। इसके अलावा 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण समितियों को अंतिम रूप दिया जाना है।
डेप्युटी सीएम बनाए जा सकते हैं सिद्धू
सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। कैप्टन और शीर्ष नेतृत्व की बैठक के बाद चीजें साफ हो जाएंगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह उपमुख्यमंत्री और सिद्धू के लिए प्रचार समिति के अध्यक्ष पद के लिए चर्चा के लिए तैयार हैं। कैप्टन को विश्वास में लेने के बाद ही शीर्ष नेतृत्व फैसला लेगा।
एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पंजाब कांग्रेस का संकट कैप्टन बनाम सिद्धू के बारे में नहीं है। अधिकांश विधायक मुख्यमंत्री की कार्यशैली से खुश नहीं हैं और उन्होंने इसे शीर्ष नेतृत्व के सामने रखा है।
18 सूत्रीय अजेंडा पर काम कर रहे अमरिंदर
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘चुनाव के लिए कुछ ही महीने बाकी हैं, पार्टी राज्य में नेतृत्व बदलने के लिए कड़ा कदम उठाने की स्थिति में नहीं है। कैप्टन अमरिंदर सिंह को 18 सूत्रीय अजेंडा पर काम करने के लिए दिया गया है। इस बीच, अन्य नेताओं को भी शामिल किया जाएगा।’ कैबिनेट में फेरबदल और एक अन्य उपमुख्यमंत्री के साथ एक दलित उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति का पार्टी का फॉर्म्युला भी विचाराधीन है।