चूहे-बिल्ली का खेल खेल रहा है अमृतपाल, आखिर पुलिस और खुफिया एजेंसियां इतना लाचार क्यों दिख रही हैं?

Parmod Kumar

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भारत को तोड़कर खालिस्तान का सपना देखने वाला अमृतपाल सिंह पुलिस और खुफिया एजेंसियों को लगातार चकमा दे रहा है। पहले तो वह पुलिस के चक्रव्यूह को भेदता हुआ भाग निकला और अब वीडियो के जरिए लगातार चिढ़ा रहा है। सवाल है कि आखिर एजेंसियां इतना लाचार क्यों लग रही हैं?

 

नई दिल्ली: खालिस्तानी अमृतपाल सिंह पुलिस की घात से बच निकला और अब तक फरार है। पहले उसके सीसीटीवी फुटेज अलग-अलग शहरों से आए और अब तो उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि वह ऑडियो-वीडियो जारी करके शासन-प्रशासन को मानो चिढ़ाने लगा है। उधर, विदेशों में खालिस्तानियों के जत्थे बार-बार उधम मचा रहे है और धमकियां दे रहे हैं। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की बेटी तक को धमकी दे दी है। पंजाब सीएम की बेटी सीरत कौर अपनी मां इंदरप्रीत कौर ग्रेवाल और भाई दिलशान के साथ अमेरिका में रहती हैं। ऐसे में पुलिस के सामने खालिस्तानियों का हौसला तोड़ने की बड़ी चुनौती है। यह तभी हो सकता है जब अमृतपाल को अरेस्ट करने में कामयाबी मिल जाए। उसके खुद से सरेंडर करने की भी कहीं से कोई गुंजाइश नहीं दिखती है क्योंकि उसने खुद ही ऐसा करने से इनकार कर दिया है।

वीडियो जारी कर रहा है अमृतपाल

अमृतपाल सिंह 18 मार्च से ही लापता है। उसी दिन पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को दबोचने के लिए घात लगाया था। लेकिन वह बहुत बड़ा शातिर निकला। उसने पुलिस को चकमा दे दिया और रूप बदल-बदलकर यहां-वहां भाग रहा है। उसके देश की सीमा से निकलकर नेपाल पहुंच जाने की अटकलें भी लगीं। हालांकि, तीन दिनों में दो वीडियो जारी कर उसने बता दिया कि वह देश में ही है। गुरुवार को जारी ताजा वीडियो में उसने कहा कि वह सरेंडर नहीं करने वाला। साफ है कि वीडियो के जरिए वह सरकार और प्रशासन को खुली चुनौती दे रहा है कि पकड़ सको तो पकड़ लो। उसने अपने वीडियो में कहा, ‘जल्द ही मैं लोगों के सामने आऊंगा और उनके साथ यहां-वहां के दौरे करूंगा। मैं देश छोड़कर भागने वाले भगोड़ों में नहीं हूं।’ अमृतपाल ने कहा कि उसे मौत से भी डर नहीं लगता है। उसने कहा, ‘हर चीज को साजिश ही नहीं समझकर गुरु पर विश्वास करना चाहिए। अगर उसने भागने में मदद की तो कुछ बड़ा मकसद के लिए ही। मैं ना पाखंडी हूं और ना ही मौत से डरता हूं।’

भावनाएं भड़काकर सहानुभूति जुटाने की कोशिश में है अमृतपाल

अमृतपाल सिंह की अब तक की हरकतों से इस बात की लगातार पुष्टि हो रही है कि वह भावनाओं से खेलने में माहिर है। ताजा वीडियो में उसने बताया कि उसे अपनी जान बचाने की जद्दोजहद करनी पड़ रही है। उसने दावा किया कि उसे हर दिन 20-22 किमी चलना पड़ता है, तब कहीं खाना मिल पाता है और कई बार कुछ नहीं मिलता। उसकी ऐसी भावनात्मक अपील का असर भी होता दिख रहा है। अमृतपाल अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को बैशाखी के अवसर पर सरबत खालसा (सिखों की बड़ी सभा) बुलाने का दबाव बना रहा है। उसके इस एजेंडे का शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (SGPC) का समर्थन भी मिल गया है। एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह गारेवाल ने कहा कि अमृतपाल ने सिख समुदाय की आवाज उठाई है। उन्होंने कहा, ‘अमृतपाल ने हर सिख के दिल की बात की है। सरबत खालसा एक बड़ा आयोजन होता है और यह जत्थेदार का अधिकार है कि निहंगों सहित सभी सिख संगठनों से संपर्क करके वो ये सभा बुलाएं।’

अमृतपाल को लेकर बढ़ती चुनौती से पंजाब सरकार और वहां की पुलिस ही नहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी अच्छे से अंदाजा है। पंजाब पुलिस के सूत्रों ने कहा कि उसने अमृतपाल की मूवमेंट का पता लगाया है। दो लोगों ने पुलिस को बताया है कि अमृतपाल लखीमपुर खीरी से निकलकर 26 मार्च को पंजाब चला गया। पुलिस का दावा है कि उसे वो कार भी मिल गई है जिससे अमृतपाल लखीमपुर खीरी से 750 किमी की यात्रा कर पंजाब के फगवाड़ा पहुंचा। पुलिस ने बताया, ‘उन्होंने 26 मार्च की रात फगवाड़ा में ही बिताई और अगले दिन दूसरी इनोवा कार से होशियारपुर का नदलोन गांव चला गया। उसने 28 मार्च की रात वहीं बिताई और फिर फगवाड़ा लौट गया। तभी एक पुलिस टीम उसके पीछे पड़ी, लेकिन वो फिर से भाग निकला।’
सूत्रों का कहना है कि 28 मार्च की रात इनोवा का पीछा काउंटर-इंटेलिजेंस की टीम ने किया था। उस कार में चार लोग बैठे हुए थे। वो कार छोड़कर भाग खड़े हुए। उसमें से कई पोशाक मिले। इससे पता चलता है कि अमृतपाल लगातार वेष बदल रहा है। पुलिस ने उस दिन खूब तलाश की, लेकिन वो एकदम गायब हो गया। अमृतपाल पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के दौरे कर चुका है। 21 मार्च के एक सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि वह पूर्वी दिल्ली के मधु विहार इलाके में था। पुलिस को लगता है कि उसने बुधवार को जो वीडियो जारी किया था, वह नदलोन गांव से ही अपने किसी साथी के फोन से सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। इन सभी सबूतों से इतना तो साफ है कि अमृतपाल देश में ही है। वह खुद भी इसका दावा कर चुका है। ऐसे में यह बड़ी चिंता की बात है कि खुफिया एजेंसियां भी उसे ढूंढ नहीं पा रही हैं। एजेंसियों की चुनौती बढ़ने की एक बड़ी वजह यह भी हो सकती है कि अमृतपाल को छिपाने में स्थानीय लोगों की भी मदद मिल रही है।