विज के करीबियों ने बताया है कि 12 मार्च के बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उनसे बात नहीं की है। जिस दिन विज नाराज हुए थे, उस दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनसे फोन पर बातचीत की थी। वहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह और पूर्व सीएम मनोहर लाल ने शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे और संभावित मंत्रिमंडल को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा की है। शपथ ग्रहण के कुछ ही देर बाद ही मंत्रियों को विभाग भी बांट दिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि अनिल विज के शपथ नहीं लेने पर पार्टी पंजाबी समुदाय से आने वाले जींद विधायक कृष्ण लाल मिड्डा को मौका दे सकती है। मुख्यमंत्री के साथ शपथ लेने वाले पांचों मंत्रियों में कोई भी पंजाबी समुदाय का नहीं है। मनोहर लाल के हटने के बाद पार्टी पंजाबी समुदाय को जरूर प्रतिनिधित्व देगी।
वहीं, विज के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने पर क्षेत्रीय समीकरण के हिसाब से असीम गोयल को भी मौका मिल सकता है। उनके मंत्री बनने से वैश्य समुदाय को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है। वहीं, पृथा से निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत को भी मौका दिया जा सकता है। सरकार को समर्थन देने वाले गोपाल कांडा को भी मौका दिया जा सकता है। वैश्य समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के लिए असीम गोयल व ज्ञानचंद गुप्ता को भी मंत्री बनाया जा सकता है।