पिछले दिनों हरियाणा में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। सत्तारूढ़ भाजपा और जजपा दोनों पार्टियों से 2 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। हालांकि, कैबिनेट में 2 नए मंत्रियों के शामिल होने के बाद विभाग आवंटन पर विवाद खड़ा हो गया। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से दो विभाग मांगे जा रहे थे, जिसके लिए वह बिल्कुल तैयार नहीं हुए। विज हरियाणा के गृहमंत्री भी हैं और..जब बंटवारे को लेकर सरकार के भीतर खींचतान चली तो विज मुख्यमंत्री से नाराज हो गए। फिर भाजपा आलाकमान के बीच में आने पर आखिर यह तय हुआ कि एक विभाग विज का कम होगा और एक मुख्यमंत्री अपने कोटे से कम करेंगे। इससे पहले विज ने गृह व स्वास्थ्य न छोड़ने का अपना फरमान मंत्रिमंडल विस्तार से पहले ही सुना दिया था।
मीडिया में यहां तक खबरें आईं कि बैठक के दौरान विज इस कदर खफा थे कि इस्तीफा देने वाले थे। वे पर्चा लेकर पहुंचे थे। गुरुवार को विज ने कहा कि जब उन्हें कहा गया कि उनसे गृह विभाग लिया जा सकता है तो उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि, जब मुख्यमंत्री ने उन्हें गृह विभाग से हटाने और इसे अपने पास रखने का इरादा व्यक्त किया, तो उन्होंने कहा कि यदि वह ऐसा चाहते हैं, तो वह सभी पोर्टफोलियो ले सकते हैं। वे अपने सभी विभागों को छोड़ने को तैयार हैं। यह खींचतान खासा सुर्खियों में रही।
अब विज से आपसी संबंधों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बयान दिया है। पत्रकारों द्वारा विज से जुड़ा सवाल किए जाने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि, विज साहब सीनियर आदमी हैं। वे हमारे अच्छे मित्र हैं। हम आपस में खुलकर बात करते हैं। ऑन द रिकॉर्ड, ऑफ द रिकॉर्ड जैसे हम कह देते हैं, वैसे ही वह भी कोई बात मन में आए तो कहते हैं। इसमें हमें और उन्हें कोई चिंता नहीं होती।” वहीं, इससे पहले विज ने भी मुख्यमंत्री को अपना दोस्त कहा था।
विज ने कहा था कि, ”कुछ अधिकारी हमारे बीच बिगाड़ पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मगर मैं कहना चाहता हूं कि..मुख्यमंत्री और मैं अच्छे दोस्त हैं। जो लोग मेरे काम में अड़ंगा डालेंगे उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा। विज ने यह भी कहा था कि, जो लोग हमारे बीच तनाव पैदा करना चाहते हैं वे गलतफहमी में हैं।’