ज्यसभा सदस्य विवेक कृष्ण तन्खा के बेहद नजदीकी रहे हैं शशांक शेखर। एक दिन पहले जबलपुर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, डिंडोरी जिला पंचायत अध्यक्ष रूद्रेश परस्ते सहित कुछ अन्य नेताओं ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था।
आगामी लोकसभा से पूर्व मध्य प्रदेश के महाकौशल अंचल में लगातार दूसरे दिन कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। इससे एक दिन पहले ही जबलपुर नगर निगम महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, डिंडोरी जिला पंचायत अध्यक्ष रूद्रेश परस्ते उपाध्यक्ष अंजू जितेन्द्र ब्यौहार डिंडोरी के पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष वीरेंद्र बिहारी शुक्ला सिंगरौली जिला पंचायत उपाध्यक्ष अर्चना सिंह, जिला पंचायत सदस्य, पार्षद, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष, जनपद सदस्य, पूर्व जनपद सदस्य, यूथ कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष, ब्लाक प्रभारी सहित करीब 50 कांग्रेस नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह भाजपा का दामन थाम लिया था। वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर लंबे समय से वकालत में हैं। वे मप्र कांग्रेस लीगल सेल के भी प्रमुख थे।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा सदस्य विवेक कृष्ण तन्खा के सबसे नजदीकियों में अन्नू के साथ उनका भी नाम शुमार है। वे पूर्व में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जबलपुर के सचिव भी निर्वाचित हो चुके हैं। कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने पर तन्खा की अनुशंसा पर उन्हें महाधिवक्ता नियुक्त किया गया था।
इसलिए बदली पार्टी
शशांक शेखर ने साफ किया कि उनकी सनातन मूल्यों में गहरी आस्था है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण की कांगेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उपेक्षा से उन्हें गहरा दुख हुआ। तभी से पार्टी छोड़ने का मन बना लिया था। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में भारत ने देश-दुनिया मे जो प्रतिमान दर्ज किए और विकसित भारत की दिशा में जारी ठोस प्रयासों ने भी भाजपा के प्रति आकर्षण बढ़ाया।
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