दो माह में मांगा जवाब, ग्रुप सी के तहत नौकरी न देने पर हाईकोर्ट ने सरकार को जारी किया कारण बताओ नोटिस

lalita soni

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नौ नवंबर को हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एचएस सेठी ने प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व खेल विभाग के निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अदालत ने इनसे दो माह के भीतर इस बात का स्पष्टीकरण देने को कहा है कि आखिर इन खिलाड़ियों को नौकरी का लाभ क्यों नहीं दिया गया।

Haryana High Court issues show cause notice to government for not providing jobs under Group C

राष्ट्रीयस्तर पर कबड्डी में कांस्य पदक जीतने वाली दो महिला खिलाड़ियों को नौकरी न देने के मामले का पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व खेल विभाग के निदेशक को नोटिस जारी कर दो माह के अंदर जवाब मांगा है कि आखिर किस कारण इन खिलाड़ियों को नौकरी नहीं दी गई, इसको स्पष्ट किया जाए।

गौरतलब है कि वर्ष 2022 में कबड्डी की नेशनल प्रतियोगिता में हरियाणा के झज्जर की सोनिया पूनिया व हिसार की मंजू ने कांस्य पदक हासिल किया था। इन दोनों ही खिलाड़ियों ने वर्ष 2021 में आई खेल नीति के तहत 19 जनवरी 2023 को ग्रुप-सी प्रतियोगिता के लिए आवेदन किया था। लेकिन अभी तक उनको नौकरी के लिए खेल विभाग की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई।
इसके बाद सोनिया पूनिया ने वकील आफताब खारा के मार्फत पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। एडवोकेट आफताब खारा ने बताया कि हरियाणा सरकार की नई खेल नीति के रूल 11 भाग दो के तहत विभाग को 30 दिन के अंदर खिलाड़ियों को नौकरी देने का फैसला लेना होता है, लेकिन इन दो खिलाड़ियों के लिए कोई फैसला नहीं लिया गया। जबकि इनके साथ के अन्य राष्ट्रीय खिलाड़ियों को नौकरी मिल चुकी है।

दलीलों को सुनने के बाद नौ नवंबर को हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एचएस सेठी ने प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व खेल विभाग के निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अदालत ने इनसे दो माह के भीतर इस बात का स्पष्टीकरण देने को कहा है कि आखिर इन खिलाड़ियों को नौकरी का लाभ क्यों नहीं दिया गया। इस बात को स्पष्ट करते हुए एक ऑर्डर जारी किया जाए, ताकि पता चले कि आखिर किन कारणों से इन खिलाड़ियों को अब तक नौकरी से वंचित रखा गया है। आफताब खारा ने बताया कि अब दो माह के भीतर या तो सरकार को इनको नौकरी देनी होगी अथवा कोई स्पष्ट जवाब देना होगा कि आखिर इन दोनों खिलाड़ियों को नौकरी क्यों नहीं दी जा रही है।