अप्रैल फूल्स डे: कैसे शुरू हुई यह परंपरा और क्यों मनाया जाता है यह दिन?

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अप्रैल फूल्स डे: कैसे शुरू हुई यह परंपरा और क्यों मनाया जाता है यह दिन?

अप्रैल फूल्स डे का महत्व
हर साल 1 अप्रैल को दुनिया भर में ‘अप्रैल फूल्स डे’ मनाया जाता है। इस दिन लोग मजाक और प्रैंक करके दूसरों को हंसी-खुशी के माहौल में शामिल करते हैं। हालांकि, इस परंपरा की शुरुआत का सटीक कारण अब भी अज्ञात है, लेकिन इसके पीछे कई दिलचस्प थ्योरी मौजूद हैं।

अप्रैल फूल्स डे की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
‘अप्रैल फूल्स डे’ की उत्पत्ति को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। ज्योफ्रे चौसर की 1392 में लिखी किताब ‘द कैंटरबरी टेल्स’ में 1 अप्रैल को मूर्खता से जोड़ा गया है। किताब में एक मुर्गा चांटेक्लेर को एक लोमड़ी धोखा देती है, जो उसे यह कहकर बहकाती है कि ‘मार्च के बाद 32 दिन’ हो चुके हैं, जो 1 अप्रैल बनता है। हालांकि, कुछ विद्वानों का मानना है कि यह गणना त्रुटिपूर्ण है।

फ्रांस में अप्रैल फूल की शुरुआत
एक अन्य थ्योरी के अनुसार, अप्रैल फूल्स डे की शुरुआत फ्रांस से हुई थी। 1508 में, फ्रेंच कवि एलोय डी’अमरवल ने ‘पॉइसन डी’एवरिल’ (अप्रैल फूल) का जिक्र किया था। कहा जाता है कि मध्य युग में यूरोप के कई हिस्सों में नया साल 25 मार्च को मनाया जाता था, जो 1 अप्रैल को समाप्त होता था। जब 1 जनवरी को नया साल घोषित किया गया, तब भी कुछ लोग 1 अप्रैल को ही इसे मनाते रहे। इस कारण उन लोगों का मजाक उड़ाया जाने लगा और यह परंपरा बन गई।

पोप ग्रेगरी का कैलेंडर और अप्रैल फूल
1582 में, पोप ग्रेगरी 13वें ने ग्रेगोरियन कैलेंडर लागू किया, जिसमें 1 जनवरी को नया साल घोषित किया गया। लेकिन कुछ लोगों ने इस बदलाव को स्वीकार नहीं किया और 1 अप्रैल को ही नया साल मनाते रहे। उन लोगों का मजाक उड़ाने के लिए झूठे समाचार और अफवाहें फैलाई जाने लगीं, जिससे यह दिन ‘अप्रैल फूल्स डे’ के रूप में प्रसिद्ध हो गया।

कैसे मनाया जाता है यह दिन?
आज के समय में, अप्रैल फूल्स डे को दुनिया भर में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। लोग एक-दूसरे पर मजेदार प्रैंक खेलते हैं, झूठी लेकिन हास्यपूर्ण खबरें फैलाते हैं और हंसी-मजाक का आनंद लेते हैं। कई मीडिया हाउस भी इस दिन विशेष रूप से मजाकिया खबरें प्रकाशित करते हैं।

अप्रैल फूल्स डे का संदेश
अप्रैल फूल्स डे न सिर्फ मजाक और मनोरंजन का अवसर है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि जीवन को हल्के-फुल्के अंदाज में लेना चाहिए। यह दिन हंसी और खुशी फैलाने का एक माध्यम बन चुका है, जिससे लोग अपनी चिंताओं को भूलकर कुछ पलों के लिए आनंदित हो सकते हैं।