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एक्यूआई पहुंचा 452, सांस लेना हुआ मुश्किल

lalita soni

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जिले में चारों ओर धुआं ही धुआं है। लेकिन कृषि विभाग यह कहकर अपनी पीठ थपथपा रहा है कि बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पराली जलाने के मामले कम हैं, हालंकि जिला फतेहाबाद पूरे प्रदेश में पराली जलाने में लगातार पहले नंबर पर बना हुआ है। पराली काटने के लिए सब्सिडी पर दी गई बेलर मशीनें धरातल पर नजर नहीं आ रहीं।

क्या कहते हैं कृषि विभाग के उपनिदेशक

कृषि विभाग के उपनिदेशक राजेश सिहाग ने बताया कि विभाग को अब तक हरसेक से 200 से ज्यादा तथा लोगों की शिकायतों से 26 लोकेशन पराली जलाने की मिली हैं। जबकि बीते वर्ष 30 अक्तूबर तक पराली जलाने के मामले 279 थे। उन्होंने बताया कि अभी तक किसानों से करीब 3 लाख रुपए जुर्माना वसूला गया है। कृषि विभाग की टीमें फील्ड में किसानों को जागरूक करने में लगी हैं। याद रहे कि जिला प्रशासन ने कुछ दिन पहले पराली जलाने को रोकने के लिए बनी मॉनिटरिंग कमेटी के 3 कर्मचारियों को सस्पेंड करने के अलावा दर्जन भर कर्मचारियों को चार्जशीट किया था, जिसका कर्मचारी यूनियनों ने कड़ा विरोध किया था, उसके बाद प्रशासन भी कार्रवाई करने को लेकर ढीला पड़ गया।