महागठबंधन के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करते ही नीतीश कुमार के तेवर बदल गये। उन्होंने विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए बीजेपी पर तीखा हमला बोला। नीतीश कुमार ने पीएम मोदी पर बिना नाम लिए ही कहा कि क्या 2014 में आने वाले 2024 में रह जाएंगे? हम रहें या न रहें, वो 2024 में नहीं रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि विपक्ष खत्म हो जाएगा तो हम भी आ ही गए विपक्ष में। अब पूरे तौर पर विपक्ष को मजबूत करेंगे। उन्होंने सभी विपक्षी दलों से 2024 के चुनाव के लिए एकजुट होने की अपील की। उन्होंने अपने पीएम बनने के सपने को भी खारिज करते हुए कहा कि मेरी ऐसे किसी पद की दावेदारी नहीं है। इस्तीफे के बाद पहली बार भाजपा के अपने संबंधों पर खुलकर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अटलजी वाली भाजपा अब नहीं रही। पिछले डेढ़ महीने से हम कोई बातचीत नहीं कर रहे थे। 2020 का जो चुनाव हुआ, उसमें जदयू के साथ क्या व्यवहार हुआ, इसके बारे में सब लोग बोलते रहे हैं। पार्टी की इच्छा थी, इसलिए एक हो गए। आप हमारी पार्टी के लोगों से पूछ लीजिए कि क्या सबकी स्थिति हुई? मैं मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहता था। लेकिन मुझे दवाब दिया गया कि आप संभालिए। बाद के दिनों में जो कुछ भी हो रहा था, सब देख रहे थे। हमारी पार्टी के लोगों के कहने हम अलग हुए। उन्होंने बिना नाम लिए भाजपा और आरसीपी सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके चलते हमारी पार्टी में असंतोष था। नीतीश ने सरकार का भविष्य भी बताया। कहा कि कोई दिक्कत नहीं होगी और यह सरकार खूब चलेगी।