आसाराम बाबा ने की सजा को निलंबित करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को जारी किया नोटिस ,3 हफ्ते में मांगा जवाब !

parmodkumar

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पीटीआई, नई दिल्ली। आसाराम बापू ने आजीवन कारावस की सजा को निलंबित करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की। उनकी याचिका पर शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार चिकित्सा आधार पर ही की जाएगी।

2013 के दुष्कर्म मामले में गांधीनगर की निचली अदालत से आसाराम बापू को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। याचिका पर अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी। पीठ ने कहा, ‘‘हम नोटिस जारी करेंगे। मगर हम केवल चिकित्सा शर्तों पर ही विचार करेंगे।’’

गुजरात उच्च न्यायालय ने 29 अगस्त को आसाराम की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने 2023 में गांधीनगर की एक अदालत द्वारा मामले में आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने का अनुरोध किया था।

सजा को निलंबित करने और उसे जमानत देने से इनकार करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि राहत का कोई मामला नहीं बनता।

जनवरी 2023 में सत्र अदालत ने आसाराम को 2013 के बलात्कार मामले में दोषी ठहराया। यह मामला एक महिला ने दर्ज कराया था जो अपराध के समय गांधीनगर के पास उनके आश्रम में रह रही थी।

आसाराम फिलहाल बलात्कार के एक अन्य मामले में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद है।

उच्च न्यायालय ने कहा था कि उसकी अपील के निपटारे में संभावित देरी, उसकी उम्र और चिकित्सा स्थिति के बारे में उसकी दलीलें राहत प्रदान करने के लिए प्रासंगिक नहीं थीं।

अदालत ने पूर्व के मामलों पर भी विचार किया जिसमें साबरमती आश्रम में दो लड़कों की कथित हत्या और गवाहों तथा पीड़ितों के रिश्तेदारों पर हमले शामिल थे।

आसाराम की याचिका में कहा गया है कि वह साजिश का शिकार हुआ है और बलात्कार के आरोप झूठे हैं।