संवैधानिक बाध्यताओं के कारण तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। अब शनिवार को 3 बजे विधायक दल की बैठक होगी और नए नेता का चुनाव किया जाएगा। इसके साथ ही संभावित नामों की चर्चा भी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल, पुष्कर सिंह धामी में किसी को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इनके अलावा महिला दावेदार के रूप में भाजपा विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी की बेटी ऋतु खंडूड़ी और राज्यमंत्री रेखा आर्य के नाम सबसे आगे हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत को दोबारा सत्ता सौंपने की चर्चाए भी तेज हैं। प्रदेश की कमान संभालने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को मजबूत दावेदारों के तौर पर देखा जा रहा है।
बता दें, पार्टी आलाकमान ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्थान पर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया था। चाह माह पहले तीरथ सिंह रावत ने सीएम पद की शपथ ली थी और संविधान के नियमों के मुताबिक, उन्हें 10 सितंबर तक चुनाव जीतकर विधायक बन जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण उपचुनाव की स्थिति नहीं बन सकी। यही कारण है कि तीरथ को इस्तीफा देना पड़ा है।
तीरथ सिंह रातव ने शुक्रवार देर रात राजभवन में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया। तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के इतिहास में सबसे कम कार्यकाल (84 दिन) के मुख्यमंत्री बने। भाजपा ने देर रात केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को शनिवार को केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर देहरादून जाने को कहा है। पार्टी आलाकमान ने बीजेपी विधायकों की बैठक भी बुलाई है।
अगले साल होने हैं उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल अगले साल मार्च में समाप्त होने वाला है, जो केवल नौ महीने दूर है। उत्तराखंड के कुछ भाजपा नेताओं के अनुसार, कानून ऐसी परिस्थितियों में चुनाव आयोग के लिए उपचुनाव कराने को न तो रोकता है और न ही इसे अनिवार्य बनाता है।