यूरिक एसिड को पथरी बनने से पहले निकाल देंगे पान के पत्ते, जानिए कैसे करें इस्तेमाल

Parmod Kumar

0
241

यूरिक एसिड लेवल का बढ़ना एक आम समस्या बन गया है जिससे बहुत से लोग पीड़ित रहते हैं। यूरिक एसिड एक गंदा पदार्थ होता है, जो खून में पाया जाता है। इसकी मात्रा को बढ़ने को मेडिकल भाषा में हाइपरयूरिसीमिया  कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें प्लाज्मा यूरिक एसिड बढ़ जाता है। लंबे समय तक यूरिक एसिड के बढ़ने से गाउट  नाम की बीमारी हो जाती है, जो गठिया  की तरह है और इसमें जोड़ों में गंभीर दर्द होता है। हाइपरयूरिसीमिया यानी यूरिक एसिड के अधिक बढ़ने से न केवल गाउट बल्कि किडनी की पथरी  और अन्य कई बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। इसकी वजह यह है कि यूरिक एसिड लंबे समय जमा होने से वो ठोस पदार्थ या क्रिस्टल का रूप ले लेता है, जो पथरी का रूप ले सकते हैं। अगर बात करें यूरिक एसिड के बढ़ने के लक्षणों की तो इसमें गाउट, जोड़ों में तेज दर्द होना, जोड़ो का अकड़ जाना, जोड़ों को हिलाने में कठिनाई, लाली और सूजन होना आदि शामिल हैं। पान के एक पत्ते में लगभग 85-90% पानी होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें नमी की मात्रा अधिक होती है और कैलोरी की मात्रा कम होती है। इसमें वसा की मात्रा कम होता है प्रोटीन भी पाया जाता है। इसके अलावा यह आयोडीन, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन बी जैसे आवश्यक पोषक तत्वों का भी भंडार है। कई शोध और एक्सपर्ट्स इस बात का दावा कर चुके हैं कि पान के पत्तों में वो सभी गुण पाए जाते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों की रोकथाम और उपचार में सहायक हो सकते हैं। पान के पत्ते डायबिटीज कंट्रोल करने कोलेस्ट्रॉल कम करने, घाव ठीक करने, तनाव कम करने और ओरल हेल्थ को बढ़ावा दने की क्षमता है।