सट्टेबाजी का खेल, 15 ऐप और करोड़ों का फ्रॉड… 11 देश मिलकर भारत में फैलाना चाह रहे नक्सल और आतंकवाद

Parmod Kumar

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अगर आप भी ऑनलाइन ऐप और सोशल मीडिया ग्रुप पर सट्टेबाजी और गैंबलिंग के गेम खेलते हैं तो सतर्क हो जाएं। इस प्रकार के ऐप पर पहले छोटा अमाउंट लगाने पर कई गुना रुपये वापस मिलते हैं, लेकिन जब सट्टेबाजी में लगाई गई रकम मोटी हो जाती है तो शुरू हो जाता है धोखाधड़ी का खेल। हाल ही में सेक्टर 39 की पुलिस ने सेक्टर 108 से ऑनलाइन सट्टेबाजी कराने वाले इंटरनैशनल गैंबलिंग गिरोह का भंडाफोड़ किया था। जांच में पुलिस को हर दिन नई जानकारी मिल रही है। गिरोह के तार देश के करीब 10 राज्यों के साथ ही 11 देशों से जुड़े मिले हैं। जांच में पता चला है आरोपियों से बरामद हुए कुछ ट्रेडिंग अकाउंट से 100 करोड़ रुपये गुजरात के खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। साथ ही पुलिस को जानकारी मिल रही है कि अलग-अलग ऐप से फ्रॉड का पैसा माओवादियों तक पहुंचाया जा रहा है। आशंका है कि इसका इस्तेमाल नक्सल और आतंकी गतिविधियों को भी बढ़ाने में हो रहा है।

नोएडा पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, सेक्टर 108 से पकड़ा गया ऑनलाइन गैंबलिंग कराने वाला गिरोह मूल रूप से झांसी से जुड़ा हुआ है। जांच में पता चला है कि गिरोह में शामिल जालसाज ठगी करने के लिए महादेवा ऐप के साथ ही 15 के करीब अन्य ऐप का भी इस्तेमाल कर रहे थे। इनके बारे में भी जांच शुरू कर दी गई है। गिरोह का नेटवर्क विदेशों में भी फैला हुआ है। इस कारण अब इसकी जांच में क्राइम ब्रांच और सेंट्रल जांच एजेंसियों को भी शामिल किया जाएगा। महादेवा ऐप के अलावा अन्ना ऐप, रेड्डी ऐप, सट्टा बट्टा डॉट कॉम, नटराज, क्रिकेट बैट, फेयर प्ले, मजा प्ले, पेरी मैच, बेटवे, उल्फ 777, शेयर प्ले, 1 एक्स बेट इन ऐप से भी सट्टेबाजी कराने की बात का पता चल रहा है। पुलिस की टीमों ने इन सभी ऐप पर जांच शुरू कर दी है।

400 करोड़ का हुआ लेनदेन

पुलिस की गिरफ्त में कुछ आरोपियों से भी इन सभी ऐप पर बड़े स्तर पर लोगों को ऑनलाइन गैंबलिंग में शामिल कराने की बात का पता चला है। आरोपियों के पास 60 के करीब ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट बरामद हुए थे। इन सभी अकाउंट से करीब 400 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला था। जांच के दौरान कुछ खातों से 100 करोड़ों रुपये मुंबई और अहमदाबाद में भी ट्रांसफर हुए थे।

घुड़सवारी और आईपीएल में भी हो रही थी सट्टेबाजी

जांच कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया जांच में पता चला है कि गिरोह का सरगना सौरभ चंद्राकर, रवि उत्पल, अतुल अग्रवाल ने एक दर्जन के करीब ऐप से राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन गैंबलिंग कराने का एक नेटवर्क बना रखा था। कम मेहनत और अधिक लाभ कमाने की लालच में युवा वर्ग को अपने जाल में फंसाने के बाद उन्हें ऑनलाइन ही अपने द्वारा डेवलप कराए गए फर्जी ऐप से क्रिकेट, घुड़दौड़, चुनाव, फुटबॉल और अन्य मेगा आयोजनों पर सट्टेबाजी के पैसे को लगवा रहे थे। पुलिस अधिकारी के मुताबिक इस गिरोह के चंगुल में फंस कर उत्तर प्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, तेलंगाना, आंध्र और मध्य प्रदेश के लाखों युवा ठगी का शिकार हो चुके हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पकड़ा गया गिरोह ठगी से मिले सैकड़ों करोड़ रुपये का प्रयोग कई अवैध गतिविधियों में भी कर रहे थे।

माओवादियों को नक्सल क्षेत्र में हो रही फंडिंग

अवैध ड्रग की खरीद, मनी लॉन्ड्रिंग और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में माओवादियों को फंडिंग में भी इन रुपये के इस्तेमाल किए जाने की जानकारी मिली है। खास बात यह है, जिन जगहों पर इस ऐप से लोगों के साथ बड़े स्तर पर फ्रॉड हुआ है। यह सब क्षेत्र नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं। इन सभी जगहों से संबंधित राज्यों की पुलिस ने गिरोह से जुड़े 2 दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि अभी भी मास्टरमाइंड पुलिस की पकड़ से कोसों दूर बैठे हुए हैं।

अलग राज्य में फैले अपने एजेंटों को दुबई के एक होटल में बुलाया था। यहां पर आरोपियों ने अपने ठगी के नेटवर्क को और मजबूत करने के साथ ही बड़ा बनाने के लिए तैयारी किया था। कुछ कानून के जानकार भी आरोपियों के साथ शामिल हुए थे, जो उन्हें देश में गैंबलिंग को लेकर कानून के बारे में भी बताया था। बता दें कि अभी तक जांच में पता चला है, गिरोह के सभी बड़े मास्टरमाइंड दुबई में बैठकर ही यह गैंबलिंग का खेल कर रहे थे। नोएडा डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि इंटरनैशनल गैंबलिंग फ्रॉड करने वाले गिरोह की जांच में उसके तार विदेशों तक फैले मिले हैं। गिरोह की जांच में क्राइम ब्रांच और अन्य सेंट्रल एजेंसियों को भी शामिल करने की तैयारी की जा रही है, जिससे गिरोह के सरगना की जल्द ही धरपकड़ की जा सके।