भूपेंद्र हुड्डा बोले- आजाद का कांग्रेस छोड़ने का फैसला पार्टी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण

Parmod Kumar

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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा देने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि जब कोई वरिष्ठ नेता ऐसा कदम उठाता है तो उसका पार्टी संगठन पर असर पड़ता है। आजाद का फैसला पार्टी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, इतना ही कह सकता हूं। आजाद पूरे समय कांग्रेसी रहे। हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर भविष्य को लेकर पार्टी आलाकमान को फैसला करना चाहिए। उन्होंने हाल ही में पार्टी आलाकमान को आजाद और शर्मा की शिकायतों और चिंताओं को दूर करने का सुझाव दिया था। आजाद के साथ ही हुड्डा जी-23 के प्रमुख सदस्य हैं और समय-समय पर कांग्रेस को अपने सुझाव देते रहे हैं।गुलाम नबी आजाद के साथ हुड्डा की पुरानी दोस्ती है। आजाद हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी भी रह चुके हैं। उन्हें कांग्रेस नेतृत्व के फैसलों के आलोचक के रूप में जाना जाता रहा। पूर्व केंद्रीय मंत्री और हाल ही में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस संचालन समिति के अध्यक्ष का पद छोड़ चुके आनंद शर्मा भी हुड्डा के करीबियों में हैं। वह भी जी-23 में शामिल हैं।
हुड्डा भी संगठन के चुनाव कराने के हिमायती रहे हैं। हरियाणा में पार्टी आलाकमान ने सभी नेताओं के विरोध को दरकिनार करते हुए हुड्डा को फ्री हैंड दिया हुआ है। उनकी पसंद के ही प्रदेशाध्यक्ष बनाए गए, जिस कारण पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़ दी। हुड्डा विरोधी होने के चलते ही उन्होंने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के बजाय निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को वोट दिया।