हरियाणा किसान मोर्चा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी. मनदीप नथवाल ने किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता की. मनदीप ने कहा कि आंदोलन जीत की तरह है. 26 से ज्यादा संगठनों ने आज भाग लिया. अभी एमएसपी (MSP) पर मामला नहीं सुलझा है. जो कमेटी सरकार बना रही है, वो कानून के रूप में एमएसपी की गारंटी देगी.
मनदीप ने आगे कहा कि जितने भी मुकदमें आज तक बनाए गए हैं, सरकार उन्हें वापस ले. 48 हजार से ज्यादा मुकदमें दर्ज किए गए हैं. जब तक मुकदमें वापस नहीं होंगे, तब तक घर वापसी का सवाल नहीं है. इसी के साथ घायल और शहीद साथियों के घरवालों को मुआवजा भी दिया जाए.
लखीमपुर खीरी के दोषियों को मिले सजा
मनदीप ने कहा कि शहीदों के लिए हरियाणा सरकार में जगह दें. वहीं जो ट्रेक्टर जो थाने में बंद हैं, उन्हें छोड़ा जाए. लखीमपुर के दोषियों को सजा मिले. वहीं मोर्चे ने कसार घटना में बंद किसानों को छोड़ने की भी अपील की है. वहीं सुरेश क्वाथ ने कहा कि संयुक्त मोर्चे में कोई दो मत नहीं है. कमेटी वो मंजूर होगी जो ये तय करे कि हर साल खरीद कितने परसेंट होगी. एमएसपी हमारा मुख्य मुद्दा है. सुरेश ने आगे कहा कि हरियाणा-पंजाब एक साथ है. साथ में एकता के साथ आंदोलन आगे लेकर जाएंगे.
हरियाणा में किसानों पर दर्ज FIR पर सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है. तीन कृषि कानून भले ही वापस लिए जा चुके हैं, लेकिन 45 हजार किसानों पर दर्ज 200 एफआईआर पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है. कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद भी किसान आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं है. उनकी एक मांग ये भी है कि किसानों पर दर्ज मुकदमे सरकार वापस ले. केंद्र सरकार से हरी झंडी नहीं मिलने की वजह से अब तक इस पर हरियाणा सरकार ने भी कोई फैसला नहीं लिया है. बता दें कि हरियाणा में हुए आंदोलन के दौरान किसानों पर देशद्रोह से लेकर हत्या की कोशिश की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया था. किसानों पर कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, हांसी, हिसार और सिरसा समेत कई शहरों में केस दर्ज हैं.