सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन के लिए ई-कॉमर्स दिग्गज Amazon और Flipkart के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की जांच में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों को जांच में शामिल होने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है.
इससे पहले Amazon और Flipkart ने CCI के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन वहां से भी इन्हें झटका मिला था. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग इन आरोपों की जांच कर रहा है कि दोनों कंपनियां अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर चुनिंदा विक्रेताओं को बढ़ावा देती हैं और प्रतिस्पर्धा को दबाने के लिए भारी छूट का इस्तेमाल करती हैं.
वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट और एमेजॉन ने कर्नाटक हाई कोर्ट की डिविजन बेंच के समक्ष सीसीआई जांच फिर से शुरू करने के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी.
क्यों हो रही है जांच
सीसीआई ने प्रतिस्पर्धा कानूनों के प्रावधानों के कथित उल्लंघन को लेकर दोनों प्रमुख ई-वाणिज्य कंपनियों के जांच के निर्देश दिए थे. फ्लिपकार्ट और अमेजन ने इस मामले में डिविजन बेंच के समक्ष अलग-अलग अपील दायर की थी. अपनी अपील में फ्लिपकार्ट इंटरनेट ने 11 जून के कोर्ट के आदेश को दरकिनार करने का आग्रह किया था, जिसे एकल न्यायधीश ने दिया था. उसने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के 13 जनवरी 2020 को जारी आदेश को भी दरकिनार करने का अनुरोध किया.
फ्लिपकार्ट ने अपने अपील में कहा, “यह देखते हुये कि सीसीआई के आदेश पर 16 महीने से रोक लगी थी ऐसे में आगे भी यह रोक जारी रहती है तो कोई पूर्वाग्रह नहीं होगा. यदि जांच वर्तमान अपील के लंबित रहते हुये भी जारी रहती है तो अपूरणीय क्षति होगी क्योंकि यह वर्तमान अपील को निष्फल कर देगा.”
गौरतलब है कि सीसीआई ने जनवरी 2020 में भारी छूट देने और कुछ कंपनियों के साथ तरजीही गठजोड़ कर सामान बेचने समेत अन्य कथित अनैतिक व्यापारिक गतिविधियों को अपनाने के लिए फ्लिपकार्ट और अमेजन के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. इस आदेश में कर्नाटक हाई कोर्ट की एकल सदस्यीय पीठ के समक्ष चुनौती दी गई.
एक सदस्यीय पीठ ने 11 जून 2021 को याचिका को खारिज कर दिया और सीसीआई को जांच जारी रखने का आदेश दिया. इस आदेश के बाद कंपनियां जांच आदेश को निरस्त कराने के लिये हाई कोर्ट पहुंची थी. हालांकि, कर्नाटक हाई कोर्ट ने 14 फरवरी 2020 को सीसीआई के जांच आदेश में अंतरिम स्थगन दे दिया था लेकिन उसके बाद सीसीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां कोर्ट ने 26 अक्टूबर 2020 को उसे वापस हाई कोर्ट जाने को कहा.