पंजाब में जारी कांग्रेस नेताओं की कलह के बीच शीर्ष नेतृत्व पार्टी संगठन में एक बड़ा बदलाव करने के तैयारी में है। दरअसल सूत्रों के हवाले से खबर है कि हरीश रावत की जगह हरीश चौधरी को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया जा सकता है। हरीश चौधरी राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री हैं और उनकी गिनती पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में की जाती है। इससे पहले हाल ही में खबर आई थी कि हरीश रावत ने कांग्रेस नेतृत्व से ये गुजारिश की है कि उत्तराखंड में आने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उन्हें पंजाब कांग्रेस प्रभारी महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए।
आपको बता दें कि पंजाब सरकार में हाल ही में हुए नेतृत्व परिवर्तन के दौरान हरीश चौधरी को पार्टी की तरफ से पर्यवेक्षक बनाकर भी भेजा गया था। सूत्रों का यह भी कहना है कि बीते मंगलवार को जब नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था, उस समय हालात संभालने को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और सिद्धू के बीच बातचीत के लिए हरीश चौधरी ने ही मध्यस्थता की थी। फिलहाल पंजाब कांग्रेस से संकेत मिले हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू अपने पद पर बने रहेंगे और उनके जो भी मुद्दे हैं, उन्हें बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा।
‘सोनिया गांधी से की पद मुक्त करने की गुजारिश’ गौरतलब है कि उत्तराखंड में 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं, जिसे देखते हुए हरीश रावत ने बीते दिनों कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर निवेदन किया था कि उन्हें अब पंजाब कांग्रेस प्रभारी महासचिव के पद से मुक्त कर दिया जाए। हालांकि उसी दौरान पंजाब कांग्रेस में छिड़ा घमासान और तेज हो गया, जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दिया और चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य का नया सीएम बनाया गया। उत्तराखंड में इस बार आम आदमी पार्टी ने भी पूरा जोर लगाया हुआ है, जिसके चलते हरीश रावत अपना पूरा ध्यान उत्तराखंड पर देना चाहते हैं।