काला जठेड़ी से पूछताछ में बड़ा खुलासा, फरारी के दौरान जठेड़ी डॉक्टर के नाम से गैंग चलाता था।

Parmod Kumar

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली के कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी को गिरफ्तार कर लिया है. अब जठेंडी से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में जठेड़ी बड़े खुलासे कर रहा है. पूछताछ में पता चला है कि काला जठेड़ी फरारी के दौरान डॉक्टर के नाम से गैंग चला रहा था. जांच एजेंसियों को धोखा देने के लिए थाइलैंड में मौजूद जठेड़ी के दाएं हाथ काली राणा को टाइगर तो कनाडा में बैठे गोल्डी बरार को अल्फा नाम दिया गया था. देश-विदेश में बैठकर ये तीनों अपने गैंग के जरिए अपराधिक घटनाओं को अंजमा दे रहे थे

जांच में पता चला है कि जठेड़ी कभी खुद अपने गुर्गों को फोन नहीं करता था. सबसे पहले वो अल्फा या टाइगर को फोन करता था. इसके बाद टाइगर या अल्फा उसकी बात गुर्गों से कराते थे. जठेड़ी को पुलिस से बचाने के लिए उसका नबंर किसी को नहीं दिया जाता था. जठेड़ी सिर्फ टाइगर या अल्फा से ही बात करता था. फरीबाद पुलिस की हिरासत के बाद से जठेड़ी लगातार गुर्गों से इसी तरह बात करता था.

जठेड़ी सिर्फ इन दो लोगों को करता था फोन

जठेड़ी ने फरीदाबाद पुलिस की हिरासत से फरार होने के बाद किसी भी गुर्गे से सीधे बात नहीं की. जठेड़ी के पास दर्जनों फोन थे. लेकिन वो सिर्फ गोल्डी या काली से ही सीधे तौर पर बात करता था. विदेश में होने वाली कॉल की डिटेल सुरक्षा एजेंसिया आसानी से नहीं निकाल पाती थीं. इसके अलावा कई बार जठेड़ी ने इंटरनेट कॉल के जरिए भी कई लोगों से बात की थी.

अनुराधा के पास थी ये जिम्मदारी

भारत में मौजूद नेटवर्क को निर्देश देने की जिम्मेदारी लेडी डॉन अनुराधा के पास थी. अनुराधा भी सीधे तौर पर बहुत कम लोगों से बात करती थी. वो गुर्गों से बात करने के लिए ज्यादातर इंटरनेट कॉलिंग का ही इस्तेमाल करती थी. राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल के मारे जाने के बाद अनुराधा खुद गैंग की कमान कंभाल रही थी. वो लगातार अपना नंबर बदलती रहती थी. अनुराधा और काला जठेड़ी की मुलाकात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के जरिए हुई थी.